बर्दवान/पानागढ़, मुकेश तिवारी. पूर्व बर्दवान जिले के मंगलकोट थाने के कुरुंबा गांव के 10 लोगों का एक समूह राजमिस्त्री के काम के लिए चेन्नई जा रहा था. ये लोग शुक्रवार को शालीमार से कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हुए थे. उस ट्रेन में अठारह वर्षीय छोटू सरदार और उसके पिता शुक्लाल सरदार. इसके साथ ही 41 वर्ष के संचित सरदार और सद्दाम शेख सहित कई लोग सवार थे. छोटू और उसके पिता अलग-अलग डिब्बों में थे.
छोटू सरदार की मौत, बाल-बाल बचे पिता
हादसे में छोटू सरदार की जान चली गई. लेकिन उनके पिता बाल-बाल बच गए. लेकिन संचित सरदार अभी तक लापता है. वहीं मंगलकोट के गांव कुरुंबा निवासी प्रवासी मजदूर इयाद अली शेख का पता नहीं चल रहा है. वहीं, अहमद शेख जख्मी है. ये भी उसी गांव के रहने वाले हैं. उनका ओडिशा के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है.
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राज मिस्त्री के काम में मजदूरी करने के लिए जा रहा था चेन्नई
छोटू की ट्रेन हादसे में हुई दर्दनाक मौत की खबर मिलते ही समूचा परिवार और गांव मर्माहित है. छोटू अभी इसी साल 18 का हुआ था. परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान हेतु वह भी अपने पिता के साथ इस बार चेन्नई राज मिस्त्री के काम में मजदूरी करने के लिए जा रहा था. लेकिन किसे पता था क पिता पुत्र अलग अलग बोगी में सवार होंगे. और पुत्र की मौत हो जायेगी.