पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि पोइला बैसाख को ही पश्चिम बंग दिवस के रुप में पालन किया जाएगा. अगर राज्यपाल विधानसभा में लाए गए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो भी बैसाख की पहली तारीख को ही ‘पश्चिम बंग दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा. यह बात मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहीं. उन्होंने कहा मुझे नहीं पता कि हमारा समर्थन कौन करेगा, लेकिन हमें उस दिन को पश्चिम बंग दिवस के रूप में मनाने का निर्देश होगा. रवीन्द्रनाथ टैगोर के गीत ‘बांग्लार माटी बांग्लार जल’ को राज्य गीत का दर्जा दिया गया. मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि राज्यपाल इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे.
राज्य सरकार के ग्यारह मंत्रियों ने गुरुवार दोपहर विधानसभा में बैसाख के पहले दिन पश्चिम बंगाल दिवस मनाने का प्रस्ताव पेश किया. ममता ने उस प्रस्ताव का समर्थन किया. उनके विरोध में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी आगे आये. 20 जून 1947 को तत्कालीन अभिन्न बंगाल के विभाजन का मुद्दा विधानसभा में उठाया गया. शुभेंदु ने दावा किया कि वर्तमान सरकार ने बंगाल विभाजन के नायक श्यामाप्रसाद मुखर्जी के योगदान को नकारने के लिए 20 जून के बजाय पोइला बैसाख को पश्चिम बंग दिवस के रूप में मनाने की पहल की है.
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शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का फैसला राज्यपाल की मंजूरी नहीं मिलने पर भी नहीं बदलेगा. पोइला बैसाख को ही पश्चिम बंग के दिवस के रुप में पालन किया जाएगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना नाम लिए विपक्षी बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कई लोग स्वतंत्रता के बारे में बात कर रहे हैं भले ही उन्होंने इसमें भाग नहीं लिया हो.
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पश्चिम बंगाल के 294 सदस्यीय सदन में 167 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान करते हुए प्रस्ताव पारित किया. भाजपा के 62 विधायक 20 जून को राज्य दिवस के रूप में मनाना चाहते हैं जिस दिन बंगाल विधानसभा ने विभाजन के पक्ष में मतदान किया था. इन विधायकों ने आज प्रस्ताव के खिलाफ वोट डाला. वहीं आईएसएफ के एकमात्र विधायक ने मतदान में भाग नहीं लिया.
विधानसभा में नियम 169 के तहत एक प्रस्ताव पेश किया गया जिसमें पोइला बैसाख को ‘बांग्ला दिवस’ के रूप में मनाने और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के ‘बांग्लार माटी, बांग्लार जॅल’ (बंगाल की मिट्टी, बंगाल का पानी) को राज्य गीत बनाने का प्रस्ताव किया गया है. ममता बनर्जी ने कहा कि मैं रवींद्रनाथ टैगोर के ‘बांग्लार माटी बांग्लार जॅल’ को बंगाल का आधिकारिक गीत बनाने के प्रस्ताव का समर्थन करती हूं. बंगाल के लोग 20 जून का समर्थन नहीं करते हैं. वह हिंसा और रक्तपात का पर्याय है और विभाजन को राज्य स्थापना दिवस के रूप में चिह्नित करता है. ममता बनर्जी ने पिछले सप्ताह कहा था कि केंद्र द्वारा राज्य के स्थापना दिवस के रूप में 20 जून का दिन चुनना ‘गलत’ है और इसपर फैसला विधानसभा में लिया जाएगा.
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आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा कि 16 अक्टूबर को पश्चिम बंग दिवस मनाया जाना चाहिए. क्योंकि उस दिन बंगाल का विभाजन रद्द कर दिया गया था. उनका कहना है कि पश्चिम बंग दिवस मनाने से राजनीति रुकेगी. सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिलेगा या शिक्षकों जो सड़कों पर बैठे है उन्हें नौकरी मिल जाएगी.
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