कोलकाता: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने हावड़ा स्टेशन से तस्करों के चंगुल से पांच नाबालिग लड़कियों समेत छह लोगों को मुक्त कराया. बताया जाता है कि मुक्त कराये गये सभी लोग झारखंड के दुमका जिले के रहने वाले हैं. सभी बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से ताल्लुक रखते हैं. तस्कर बच्चों को लेकर 22877 हावड़ा-एर्नाकुलम अंत्योदय एक्सप्रेस में सवार होने वाले थे. उससे पहले ही तस्कर गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार कर लिये गये. इनकी पहचान रविशंकर देहारी (19 वर्ष) और सैद्दीकुल इस्लाम (25 वर्ष) के तौर पर हुई है. रविशंकर झारखंड के दुमका जिले के खजूर गांव का रहना वाला है, जबकि सैद्दीकुल इस्लाम पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज थाना क्षेत्र का निवासी बताया गया है. आरपीएफ ने सैद्दीकुल इस्लाम को मुख्य आरोपी बनाया है.
आरपीएफ को ऐसे हुआ शक
आरपीएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सैद्दीकुल इस्लाम पश्चिम बंगाल और झारखंड के गरीब परिवारों के बच्चों को एकत्रित करता था. फिर हावड़ा स्टेशन से ट्रेन के जरिये बच्चों को अन्य राज्यों में भेजा जाता था. रविशंकर उसके सहयोगी के रूप में काम कर रहा था. रेलवे सुरक्षा बल साउथ पोस्ट की ओर से चलाये गये अभियान में आरोपियों को प्लेटफॉर्म नंबर 17 से पकड़ा गया. हावड़ा आरपीएफ के साउथ पोस्ट इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि शनिवार दोपहर 12.30 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 17 पर दो लोगों को छह बच्चों के साथ संदिग्ध अवस्था में देखा गया. आरपीएफ अधिकारियों ने जब पूछताछ की तो बच्चों ने खुलासा किया कि सैद्दीकुल इस्लाम और रविशंकर उन्हें राजस्थान के बिकानेर शहर में नौकरी दिलाने के लिए ले जा रहे थे.
राजस्थान में करने वाले थे तस्करी
इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि मिली जानकारी के अनुसार तस्कर बच्चों की सप्लाई राजस्थान के विजयवाड़ा में रहने वाले राजेंद्र देहारी और सफीजुल नाम के दो व्यक्तियों को करने वाले थे. वहां बच्चों का मजदूरी व अन्य तरह के कार्यों में इस्तेमाल किया जाने वाला था. घटना के बाद रेलवे राजकीय पुलिस हावड़ा द्वारा सैद्दीकुल और रविशंकर देहारी के साथ विजयवाड़ा के दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों के खिलाफ 69/23 यू/एस- 363/365/188/120 (बी) आइपीसी और 14 बाल श्रम रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. आगे की कार्रवाई से पहले सभी बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से सीडब्ल्यूसी/लिलुआ-हावड़ा को सौंप दिया गया है.
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