बर्दवान, मुकेश तिवारी : पूर्व बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ थाना अंतर्गत आमडा के पास लेगचा हब स्थित दो नंबर हाईवे के किनारे शनिवार रात कोयला माफिया और व्यवसाई राजू झा की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस घटना में राजू झा के कार में मौजूद उनका एक साथी व्रतीन बनर्जी भी गंभीर रूप से घायल हुआ है. उसे बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अनामय में भर्ती किया गया है. कार के चालक से पूछताछ पुलिस कर रही है. इस मामले में स्थानीय एक झालमुड़ी विक्रेता को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दुर्गापुर से कोलकाता जाने के क्रम में राजू झा अपने सफेद रंग की फॉर्च्यूनर कार के सामने सीट पर बैठे हुए थे, तभी पीछे से कोलकाता गामी एक नीले रंग की कार आई और उस कार से दो बदमाश उतरकर सीधे राजू झा पर ताबड़तोड़ गोली चलाना शुरू कर दिया. इसके बाद घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश अपनी नीले रंग की कार में बैठकर कोलकाता की तरफ तेज गति से फरार हो गया. जिला पुलिस अधीक्षक कामनाशीष सेन मौके पर पहुंचकर मामले की तफ्तीश में जुट गए हैं. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की मौत हुई है, जिसका नाम राजेश उर्फ राजू झा (54) था. वहीं, एक गंभीर रूप से घायल है. उसका इलाज चल रहा है. सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. जल्दी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
शुरुआती दिनों में राजू झा रानीगंज इलाके में साइकिल चोरी में शामिल था. फिर उस क्षेत्र में अवैध कोयले का कारोबार में शामिल हो गए. राजेश ने कोयला माफिया से हाथ मिला लिया. वाम शासन के दौरान राजू एक छोटे से साइकिल चोर से कुख्यात कोयला माफिया बन गया. यह इस अवधि के दौरान अवैध कोयला व्यापार सिंडिकेट लॉन्च किया गया था. कुख्यात कोयला माफिया राजेश उर्फ राजू झा का ‘साम्राज्य’ फला-फूला था.
आसनसोल-दुर्गापुर विकास मंडल में राजू झा एक के बाद एक जमीन के मालिक बनते गए. राजू झा द्वारा आसनसोल और दुर्गापुर से कोलकाता के धर्मतला और करुणामयी मार्गों पर पहली वातानुकूलित वोल्वो बस सेवा शुरू की थी. फिर उन्होंने होटल व्यवसाय में निवेश किया. लेकिन राज्य में राजनीतिक बदलावों ने राजू के अवैध कोयले के कारोबार को काबू में कर लिया. आसनसोल के बाराबनी इलाके के जमुरिया में राजू का काफी दबदबा था. राजू के साथी शंख विश्वास इलाके में दबंग पुलिस अधिकारी के रूप से जाना जाता था.
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वाम शासन के अंत और तृणमूल सरकार की शुरुआत के साथ ही राजू झा और उनके साथी पुलिस अधिकारी का जीवन भी बदल गया. कोयले के अवैध कारोबार पर लगाम लगने लगा. तृणमूल सरकार के दौरान राजू झा को कई पुराने मामलों में गिरफ्तार किया गया था. राजेश उर्फ राजू को कई बार जेल भी जाना पड़ा. राजू धीरे-धीरे कोयला कारोबार से हटने लगे. उसकी जगह अनूप मांझी उर्फ लाला ने अवैध कोयले का कारोबार संभाला.
वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव से पहले, राज्य भर में पार्टी बदलने की सुगबुगाहट चल रही थी. उस वक्त राजू झा, शंख विश्वास बीजेपी में शामिल हो गए थे. दुर्गापुर के पलाशडीहा मैदान में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का हाथ पकड़ राजू और शंख भाजपा में शामिल हो गए. राजू झा के कुछ अनुयायी भी भाजपा में शामिल हुए. उस सभा में तत्कालीन बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह भी मौजूद थे. तृणमूल कांग्रेस ने 2021 के विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल कर तीसरी बार सत्ता में वापसी की. इसके बाद से राजू झा राजनीतिक गतिविधियों में ज्यादा नजर नहीं आने लगे. हालांकि राजू और उनके करीबी अलग-अलग जगहों पर बीजेपी के लिए प्रचार करते थे. राजू झा ने जमुरिया, बाराबनी क्षेत्रों में बीजेपी शिविर के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया था.
दुर्गापुर के मेनगेट इलाके में बीजेपी के एक कार्यक्रम में बीजेपी के केंद्रीय नेता अरविंद मेनन नरोत्तम मिश्रा ‘कुख्यात कोयला माफिया’ राजू झा के साथ एक मंच पर नजर आए. उसी वक्त एक और तस्वीर सामने आई. शनिवार को कोलकाता जाते वक्त रास्ते में राजू झा शक्तिगढ़ में खड़े होकर कार के अंदर चाय पीने के लिए रुके थे. उनके साथ अंडाल निवासी उनके साथी ब्रतिन बनर्जी भी कार में सवार थे. तभी उनकी कार के पास एक और कार आकर रुकी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक बदमाशों ने कार के अंदर से करीब सात राउंड फायरिंग की.
राजू झा को गोली लगी और वह कार में गिर पड़े. जब गोली से बचकर भागने की कोशिश की तो ब्रतिन बनर्जी को भी शरीर में बदमाशों ने गोली मार दी. जब दोनों को अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने राजू झा को मृत घोषित कर दिया. गंभीर हालत में ब्रतिन बनर्जी का इलाज चल रहा है. राजनीतिक अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, इस तरह वामपंथ के कुख्यात कोयला माफिया का जीवन समाप्त हो गया. इससे पहले शेख सलीम और शेख अमीन की भी इस तरह से गोली मारकर हत्या किए जाने की खबर आई थी. शनिवार रात को अवैध कोयला कारोबार के सरगना राजेश उर्फ राजू झा का भी यही हश्र हुआ.
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या हुआ था. सूत्र के अनुसार काफी समय से एक सिंडिकेट के कई मस्तान पश्चिम बर्दवान जिले में ईसीएल के डीओ के कोयले से 700 रुपए प्रति टन रंगदारी टैक्स वसूल रहे थे.राजनेता, पुलिस सभी को इस घटना की जानकारी है. लेकिन वे मूक और बहरे बने हुए है .इस सिंडिकेट के मुखिया के रूप में दुर्गापुर के राजू झा का नाम विभिन्न हलकों से सामने आया था. हालांकि, राजू का रानीगंज में अपने पूर्व सिंडिकेट पार्टनर के साथ काफी समय से व्यापारिक विवाद चल रहा था.
पुराने सहयोगियों द्वारा प्रतिस्थापित कुछ दिन पहले दुर्गापुर के अंबुजा स्थित एक कार्यालय में गोली चलने की घटना हुई थी.पुलिस इसकी गुत्थी नहीं सुलझा पाई है.हालांकि इस गोलीकांड की घटना के पीछे एक चौथाई का मानना है कि गिरोह के पीछे डीओ की रंगदारी के पैसे का मामला है. बताया जा रहा है कि एक माह में करीब बारह करोड़ रुपये इस डीओ की रंगदारी से आ रहे थे. पुलिस ने पूरी घटना की जांच शुरू कर दी है.
बताया जाता है कि अपने प्रारंभिक जीवन में राजू झा एक कोयला ट्रक में खलासी के रूप में भी काम किए थे. मालूम हो कि राजू का कोयला कारनामा वर्ष 2003-2004 से शुरू हुआ था. सूत्रों के अनुसार खनन क्षेत्र में अवैध कोयला कारोबार में इसी राजू का नाम पहली कतार में था. अंडाल से डानकुनी तक राजू झा का कोयला का ‘पैड’ चलता था. बीरभूम के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ कई शिकायतें थी. मालूम हो कि वह 2006 में अवैध कोयला कारोबार में शामिल होने के मामले में कुछ दिनों के लिए जेल गए थे.
तीन जुलाई 2011 को पुलिस ने राजू को कोयले से जुड़े विभिन्न आरोपों में रानीगंज से गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया. 2006 से उन्होंने धीरे-धीरे दुर्गापुर में विभिन्न व्यवसाय शुरू किया.सूत्रों से यह भी पता चला है कि एक शॉपिंग मॉल में रेस्टोरेंट, पार्किंग प्लाजा, साड़ी की दुकान, होटल है.सूत्रों के मुताबिक, राजू अंडाल से मगरा जोन में अवैध कोयले की संगठित ढुलाई के लिए जिम्मेदार थे. 2007 में उनका बिजनेस और बढ़ गया था. ज्ञातव्य है कि छोटे-छोटे माफिया समूह उसी समय से बड़े समूह बनाने लगे थे. एक समय उनका बिजनेस टर्नओवर करीब 2000 करोड़ रुपए था. यह राजू न सिर्फ कोयला कारोबार से जुड़े थे , बल्कि वॉल्वो बस और होटल कारोबार से भी जुड़ने लगे थे.