कोलकाता : जिस तरह से पालतू पशु रात को रस्सी तोड़कर भाग जाते हैं और सुबह होने पर उन्हें पकड़कर खूंटे से बांध दिया जाता है, उसी तरह पार्टी से छोड़ कर जाने वाले नेताओं को अब खूंटे से बांधा जा रहा है. पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय की घर वापसी पर तृणमूल कांग्रेस के नेता अणुव्रत मंडल ने यह प्रतिक्रिया दी है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से रिश्ता तोड़कर 4 साल बाद घरवापसी करने वाले मुकुल रॉय का तृणमूल कांग्रेस के सभी नेताओं ने दिल खोलकर स्वागत किया. मुकुल रॉय को बंगाल की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है. इस पर भी बीरभूम जिला के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष अणुव्रत मंडल को आपत्ति है.
अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अणुव्रत मंडल ने मुकुल की घर वापसी पर भी विवादित बयान ही दे डाला. मुकुल की तृणमूल में वापसी की तुलना उन्होंने पालतू पशु को वापस लाकर खूंटे से बांधने से कर दी है.
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शुक्रवार को दोपहर बाद कोलकाता के तपसिया स्थित तृणमूल भवन में पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी की मौजूदगी में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने घर वापसी की. इस बारे में जब अणुव्रत मंडल से प्रतिक्रिया मांगी गयी, तो उन्होंने जो बयान दिया, उससे निश्चित तौर पर अभी-अभी पार्टी में वापस लौटे मुकुल रॉय के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचेगी.
अणुव्रत मंडल ने कहा, जिस तरह से पालतू पशु रात को रस्सी तोड़कर भाग जाते हैं और सुबह उन्हें पकड़कर खूंटे से बांध दिया जाता है, उसी तरह पार्टी छोड़कर गये नेताओं को अब तृणमूल कांग्रेस के खूंटे से बांधा जा रहा है. ज्ञात हो कि मुकुल रॉय अपने बेटे शुभ्रांशु रॉय के साथ शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस में लौट आये.
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अणुव्रत मंडल कभी मुकुल रॉय के बेहद करीबी नेता माने जाते थे. लेकिन, अब मुकुल रॉय को राजनीति का चाणक्य कहे जाने पर भी उन्हें आपत्ति है. अणुव्रत मंडल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से बड़ा चाणक्य कोई नहीं है. ये वही अणुव्रत मंडल हैं, जो दो दशक तक मुकुल रॉय के खासमखास हुआ करते थे.
Posted By: Mithilesh Jha