कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनने के तुरंत बाद नीशीथ प्रमाणिक विवादों में घिर गये. तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री के तौर पर शपथ लेने के तुरंत बाद कूचबिहार के इस कद्दावर नेता को टीएमसी ने लपेटे में ले लिया.
कूचबिहार से भाजपा के सांसद नीशीथ प्रमाणिक की शैक्षणिक योग्यता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. कूचबिहार के तृणमूल नेता ने सोशल मीडिया पर उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाया है. उनका सवाल है कि नीशीथ प्रमाणिक ने ग्रेजुएशन किया है या सिर्फ सेकेंडरी पास हैं?
उनके दावे के अनुसार, संसद की वेबसाइट पर सांसद नीशीथ प्रमाणिक की शैक्षणिक योग्यता बीसीए (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन) दर्शा रही है, लेकिन चुनाव लड़ते समय भाजपा नेता ने जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें उच्चतम शैक्षणिक योग्यता माध्यमिक बतायी है. कूचबिहार के तृणमूल के नेता पार्थ प्रतिम रॉय ने भी इस जानकारी के साथ अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट किया है.
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उल्लेखनीय है कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में कई मंत्रियों के इस्तीफे लिये गये और कई नये लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है. मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में मोदी कैबिनेट के सबसे युवा केंद्रीय मंत्री के रूप में नीशीथ प्रमाणिक ने शपथ ली. 35 वर्ष के नीशीथ ने दीनहाटा से विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की थी.
भाजपा ने उन्हें सांसद ही बने रहने का निर्देश दिया. इसके बाद नीशीथ प्रमाणिक ने विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ नहीं ली. नीशीथ प्रमाणिक ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में मंत्री पद की शपथ ली और गुरुवार को उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल खड़े होने लगे.
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तृणमूल नेता ने कहा कि भारत सरकार की वेबसाइट india.gov.in के ‘इंडियन पार्लियामेंट’ सेक्शन में नीशीथ प्रमाणिक को बीसीए पास बताया गया है. उसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि उन्होंने वह डिग्री बालाकुंडा जूनियर बेसिक स्कूल से प्राप्त की थी.
दूसरी तरफ, वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान राजवंशी समाज के बड़े जनाधार वाले नेता नीशीथ ने जो हलफनामा दिया था, उसमें कहा गया है कि उनकी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता सेकेंडरी है. वह लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ के छात्र थे और तृणमूल ने इन दोनों तथ्यों को सार्वजनिक कर उन्हें विवादों में घसीटना शुरू कर दिया है.
Posted By: Mithilesh Jha