कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 4 जिलों में सुपर साइक्लोन यश तबाही मचा सकता है. इन जिलों के अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है. रविवार (23 मई) तक समुद्र में गये मछुआरों को वापस लौटने के लिए कह दिया गया है. कोलकाता, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और पूर्वी मेदिनीपुर में यश चक्रवात का सबसे ज्यादा असर पड़ने की संभावना जतायी गयी है.
बंगाल के इन चार जिलों में कोरोना के काफी मामले एक्टिव हैं. सबसे ज्यादा नये मामले भी इन्हीं जिलों में सामने आ रहे हैं. इन्हीं जिलों में यश चक्रवात का प्रभाव अधिक पड़ने की संभावना है. कोलकाता, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिला के अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है. 23 मई तक मछुआरों को वापस लौटने और इसके बाद अगली सूचना तक समुद्र में नहीं जाने की हिदायत दी गयी है.
मौसम विभाग के सूत्रों ने बताया कि ये चक्रवात अम्फान जैसा घातक हो सकता है. साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि यश तूफान की यही रफ्तार रही, तो बाद में इसकी तीव्रता कुछ कम हो सकती है. ज्ञात हो कि पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर शनिवार को कम दबाव का क्षेत्र बना, जो प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है. 26 मई को यश चक्रवात पश्चिम बंगाल, ओड़िशा के उत्तरी क्षेत्र और बांग्लादेश के तटों की तरफ मुड़ सकता है.
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पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवात यश के मद्देनजर सभी एहतियाती कदम उठाये हैं. संभावित खतरे से निबटने के लिए भारतीय नौसेना भी तैयार है. नौसेना ने अपने चार युद्धपोतों के अलावा कई विमानों को भी तैनात किया है. इस तूफान के 26 मई को पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के तटीय इलाकों से टकराने की आशंका है. इस सप्ताह की शुरुआत में देश के पश्चिमी तट पर आये भीषण चक्रवात ‘ताउते’ के बाद भारतीय नौसेना ने बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया था.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के पूर्वी मध्य क्षेत्र में निम्न दबाव का क्षेत्र बना है, जिसके भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की पूरी आशंका है. यह चक्रवात 26 मई को पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के अलावा बांग्लादेश के तटीय इलाकों से टकरायेगा. नौसेना ने कहा कि तूफान के संभावित खतरे से निबटने के लिए बाढ़ राहत एवं बचाव की 8 टीमों के अलावा गोताखोरों की चार टीमों को ओड़िशा और पश्चिम बंगाल में भेजा गया है.
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नौसेना ने एक वक्तव्य में कहा कि तूफान प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए नौसेना के विमानों को विशाखापत्तनम में ‘आईएनएस देगा’ पर जबकि चेन्नई के पास ‘आईएनएस राजाली’ पर तैयार रखा गया है. इनके जरिये राहत एवं बचाव अभियान चलाने के अलावा राहत सामग्री वितरित भी की जायेगी.
नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) भी राहत एवं बचाव अभियान के लिए चौकस है. एनडीआरएफ ने अपनी टीमों को पश्चिम बंगाल में पोजिशन करना शुरू कर दिया है. कुछ टीमें चक्रवाती तूफान ताउते के लिए बचाव, राहत और पुनरुद्धार कार्य में तैनात थीं, उन्हें भी वापस बुला लिया गया है.
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मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवात यश के कारण कहीं हल्की, तो कहीं भारी से अति भारी बारिश हो सकती है. पश्चिम बंगाल के तटवर्ती जिलों में 25 मई से ही बारिश चालू हो जायेगी और बाद में बारिश और तेज होगी. वहीं, दक्षिण बंगाल के जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा 24 मई की शाम से चल सकती है. 25 मई की शाम तक हवा की रफ्तार 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा हो जायेगी, जो 26 मई की दोपहर तक और बढ़ेगी. इस दौरान 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है.
Posted By: Mithilesh Jha