कोलकाता: मौसम विभाग ने बंगाल व ओड़िशा में तूफानी चक्रवात ‘यश’ के टकराने की आशंका जतायी है. चक्रवात से निबटने की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में गुरुवार को फिर बैठक की. उन्होंने समुद्र के तटवर्ती जिलों व कोलकाता के आसपास के जिलों को अभी से सतर्क रहने और चक्रवात के बाद लोगों तक जल्द से जल्द राहत सामग्री पहुंचाने का निर्देश दिया.
बैठक में मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय, स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी मौजूद थे. बैठक के बाद राज्य सचिवालय द्वारा दिशा-निर्देश भी जारी किया गया है. चक्रवात को देखते हुए आपदा प्रबंधन, बिजली, सिंचाई, नगर निगम, नगरपालिका, खाद्य आपूर्ति व अन्य विभागों के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं.
सभी जिलों के मुख्यालय, सब डिवीजन, ब्लॉक में 21 मई से 15 अक्तूबर तक कंट्रोल रूम खोले जायेंगे. सभी जिलाधिकारियों को टेलीकॉम एजेंसी के साथ बैठक कर मोबाइल कनेक्टिविटी व अन्य मुद्दों पर पहले से चर्चा करने का निर्देश दिया गया है, ताकि चक्रवात के बाद सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके. साथ ही साइक्लोन सेंटरों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए तैयारी करने का निर्देश दिया गया है.
Also Read: बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवात से टेंशन में पश्चिम बंगाल और ओड़िशा, ‘यश’ का मतलब क्या है?
मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि शनिवार (22 मई) को बंगाल की खाड़ी के पूर्वी मध्य हिस्से पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनेगा, जो चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. 26 मई को ओड़िशा-पश्चिम बंगाल के तटों से यह चक्रवात टकरा सकता है. इसके बाद अम्फान जैसे एक और तूफान की आशंका गहरा गयी है.
क्षेत्रीय मौसम निदेशक जीके दास ने बताया कि 25 मई से बंगाल के कई इलाकों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है और कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है. वर्षा की तीव्रता खासकर गंगा की पट्टी पर आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ सकती है. विभाग ने समंदर के अशांत रहने की चेतावनी दी है.
Also Read: यश चक्रवात के बंगाल पहुंचने से पहले ममता ने अफसरों को दिये ये निर्देश
पश्चिम बंगाल के मछुआरों को 23 मई से कुछ दिनों के लिए समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है और जो समंदर में चले गये हैं, उनसे लौटने की गुजारिश की गयी है. भारतीय तट रक्षक बल ने कहा कि वह बंगाल की खाड़ी में घटनाक्रम पर करीब से निगाह रख रहा है और उसने निवारक उपाय किये हैं. पिछले साल मई के तीसरे हफ्ते में बंगाल में अम्फान सुपर चक्रवात आया था, जिसमें 98 लोगों की मौत हो गयी थी और हजारों करोड़ का नुकसान हुआ था.
Posted By: Mithilesh Jha