दुनियाभर में पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा लोकप्रिय है. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की दुर्गा पूजा बेहद खास भी है. कोरोना संकट को देखते हुए दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर कई तरह की पाबंदियां भी हैं. इस बार कोलकाता में 11 से 15 अक्टूबर तक दुर्गोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इसको देखते हुए फोरम फॉर दुर्गोत्सव ने कई गाइडलाइंस को जारी भी किया है. फोरम फॉर दुर्गोत्सव से कोलकाता की अधिकांश पूजा कमेटी जुड़ी हुई हैं. दुर्गा पूजा के दौरान कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए फोरम फॉर दुर्गोत्सव ने गाइडलाइंस जारी की है.
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फोरम फॉर दुर्गोत्सव की गाइडलाइंस में जिक्र है कि कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षा कवच (वैक्सीन) की डोज पूरी कर चुके लोगों को दर्शन की इजाजत होगी. अगर भक्त पंडाल में जाना चाहते हैं तो उन्हें मास्क पहनना होगा. इसके साथ ही कोरोना से जुड़ी सारी गाइडलाइंस को भी फॉलो करना होगा. फोरम फॉर दुर्गोत्सव ने ज्यादा से ज्यादा लोगों के वैक्सीनेशन की बात कही है. लोगों से वैक्सीन की डोज लेने की अपील भी की है.
गाइडलाइंस के मुताबिक मां के मंडप को इस तरह बनाया जाए कि लोग दूर से भी उनके दर्शन कर सकें. रात की जगह भक्तों को दिन में गाइडलाइंस का पालन करते हुए माता के दर्शन की अपील की गई है. शोभा यात्रा में कम से कम लोगों को शामिल किया जाए. पूजा पंडालों में सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने के तमाम उपाय (जैसे- सर्किल, बैरिकेडिंग, मास्क) अपनाए जाने चाहिए. माता के दर्शन करने के लिए मास्क और सैनेटाइजर के इस्तेमाल को जरूरी किया गया है. प्रतिमा पर कटे फल चढ़ाने की इजाजत नहीं है. भीड़ नियंत्रण के लिए कमेटी स्वयंसेवकों को तैयार रखेगी. वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करते हुए सिंदूर खेला के आयोजन की इजाजत है.
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कोलकाता की चोरबगान सार्वजनिक दुर्गोत्सव समिति ने तय किया था, आर्थिक रूप से कमजोर 10 पूजा समिति को एक लाख की प्रतिमा 101 रुपए में दी जाएगी. इसके लिए लॉटरी के माध्यम से दस पूजा समितियों का चयन भी किया गया है. दरअसल, पश्चिम बंगाल में कोरोना संकट के कारण कई तरह की पाबंदियां लागू की गई हैं. अभी, राज्य सरकार ने 31 अगस्त तक सख्तियों को बढ़ाया है. वहीं, कोरोना संकट को देखते हुए फोरम फॉर दुर्गोत्सव ने दुर्गा पूजा और माता के भक्तों के लिए गाइडलाइंस भी जारी किया है. जिससे कोरोना संक्रमण फैलने से रोका जा सके.