West Bengal : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के कथित स्कूल भर्ती घोटाले के संबंध में एक रियल एस्टेट डेवलपर अयान सिल को गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि एजेंसी ने कोलकाता के पास अयान सिल के घर और कार्यालय की करीब 36 घंटे तक तलाशी ली जिस दौरान उन्हें कई पुख्ता सबूत हाथ लगे है. इस तलाशी के बाद रविवार देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि गिरफ्तारी से पहले उससे पूछताछ की गयी.
शांतनु बनर्जी के करीबी सहयोगी हैं अयान
ईडी के अधिकारियों ने कहा कि सिल सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के युवा विंग के नेता शांतनु बनर्जी के करीबी सहयोगी हैं, जिन्हें पहले घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था. एजेंसी ने यह भी कहा कि अन्य सामग्रियों के अलावा उनके कार्यालय से सात हार्ड डिस्क से डिजिटल दस्तावेज जब्त किए है. शांतनु बनर्जी पर सिल के माध्यम से कई व्यवसायों में कथित घोटाले से आय का एक हिस्सा निवेश करने का संदेह है.
2015 में था मोबाइल मैकेनिक
अधिकारियों ने कहा कि वह 2015 में एक मोबाइल मैकेनिक था और बाद में करोड़ों की संपत्ति के साथ केवल सात वर्षों में एक धनी व्यवसायी के रूप में उभरने से पहले एक राज्य द्वारा संचालित बिजली कंपनी का कर्मचारी था. ईडी ने पिछले हफ्ते एक अदालत को बताया था कि जिस भर्ती घोटाले में टीएमसी के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, उसकी मात्रा 350 करोड़ रुपये तक हो सकती है.
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₹5 से ₹15 लाख तक वसूले गए !
2022 में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2014 और 2021 के बीच पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा गैर-शिक्षण और शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति की केंद्रीय जांच ब्यूरो को जांच का आदेश दिया. चयन परीक्षाओं में असफल होने के बाद नौकरी पाने के लिए ₹5 से ₹15 लाख तक वसूले जाने की बात कही जा रही है. ईडी ने कथित घोटाले के सिलसिले में पिछले साल शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बाद में चटर्जी को सरकार से हटा दिया और उन्हें टीएमसी से निलंबित कर दिया.