बीरभूम, मुकेश तिवारी. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में अंधविश्वास और जादू-टोना के शक में एक बुजुर्ग दंपती की पीट-पीट कर हत्या किए जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. मामला सैंथिया थाना क्षेत्र के नोवापाड़ा गांव के आदिवासी बस्ती का है. घटना के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थित बन गई है, जिसे देखते हुए वहां पुलिस बल की तैनाती की गई है.
मामले को लेकर मृतक के परिजनों ने सैंथिया थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस ने आदिवासी बस्ती के मोडल यानी मुखिया को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि मृतक आदिवासी दंपती पार्वती हेम्ब्रम और पांडु हेम्ब्रम नोवापाड़ा गांव के रहने वाले थे. उनके तीन बच्चे रोजी रोटी के लिए अन्य राज्य में काम करते हैं. ग्रामीणों ने बीते शुक्रवार को दंपती को उनके घर के सामने ही रक्त रंजित घायल अवस्था में पड़ा देखा था. जिसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें बोलपुर के सियान अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां इलाज के दौरान दंपती की मौत हो गई.
शनिवार को पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया था. जिसके बाद ग्रामीण दंपती के शव का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे, लेकिन बेनेडांगा गांव के आदिवासियों ने वाहन को बीच सड़क पर ही रोक दिया. उन्होंने रात के अंधेरे में शवों के दाह संस्कार करने से रोका था. नोवापाड़ा के ग्रामीणों का आरोप है कि बेनेडांगा के लोगों ने डायन होने के शक में ही बुजुर्ग दंपती की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. आरोप है कि गांव के मुखिया रुबाई बस्के ने आदिवासी दंपती के डायन होने के संदेह पर ग्रामीणों को उसकाया और पीट-पीटकर हत्या करवा दी. परिजनों का आरोप है कि मुखिया की मदद से ही यह काम किया गया.
Also Read: Witchcraft in West Bengal: डायन-बिसाही के शक में आदिवासी दंपती को जिंदा जलाने की कोशिश, जानें पूरा मामला
घटना को लेकर परिजनों और ग्रामीणों ने काफी हंगामा किया. बताया जा रहा है कि मामले को लेकर थाना में शिकायत करने के बाद नोवापाड़ा के ग्रामीणों ने बेनेडांगा गांव के मुखिया रुबाई बस्के को घेर लिया था. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और रुबाई बास्के को गिरफ्तार कर थाना ले गई. इस हत्याकांड में शामिल अन्य ग्रामीणों की तलाश की जा रही है. नोवापाड़ा के ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है, तनाव को देखते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात हैं.