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कह रही बंगाल की जनता, प्रधानमंत्री पद पर विराजें ममता : फिरहाद हकीम

प्रधानमंत्री रात को सोते वक्त केवल बंगाल में बारे में ही सोचते हैं. पिछले डेढ़ महीने में शायद ही उन्होंने ऐसा कोई भाषण दिया हो, जिसमें बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी का जिक्र न किया हो.

अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने वाला है. इसके लिए भाजपा समेत अन्य दलों ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. भाजपा को शिकस्त देने के लिए विपक्ष ‘इंडिया’ नामक गठबंधन भी बना लिया है. इसमें तृणमूल कांग्रेस भी शामिल हैं. उत्तम मंच में आयोजित एक कार्यक्रम में तृणमूल नेताओं ने आम चुनाव में भाजपा के खिलाफ कड़ी लड़ाई का संदेश दिया है. इस मौके पर शहरी राज्य विकास मंत्री फिरहाद हकीम और तृणमूल के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने अपनी बातें रखी. श्री हकीम ने दावा किया कि अगले साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी भाषण नहीं दे पायेंगे.

प्रधानमंत्री सोते वक्त भी बंगाल में बारे में ही सोचते हैं

वह बंगाल में हिंसा की बातें कर रहे हैं और रात को सोते वक्त केवल बंगाल में बारे में ही सोचते हैं. पिछले डेढ़ महीने में शायद ही उन्होंने ऐसा कोई भाषण दिया हो, जिसमें बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी का जिक्र न किया हो. शायद उन्हें यकीन हो गया है कि उन्हें बंगाल की एकमात्र ऐसी शेरनी शिकस्त दे सकती हैं, जिनका नाम ममता बनर्जी है. वह ही उनकी जगह ले सकती हैं. 21 जुलाई से एक दिन पहले दीदी (ममता बनर्जी) ने मुझसे कहा कि ऐसा मत कहो, लेकिन अपने दिल की आवाज को कैसे रोकें? यही वजह है कि बंगाल की जनता भी कह रही है कि प्रधानमंत्री पद पर ममता बनर्जी विराजें.

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भाजपा के खिलाफ बन चुका है विपक्ष का गठबंधन

पार्टी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा के खिलाफ विपक्ष का गठबंधन बन चुका है. सुश्री बनर्जी उदार हैं. यही वजह है कि वह शुरू से ही कहती आयी हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी नहीं चाहिए, बल्कि वह भाजपा को सत्ता से हटाना चाहती हैं. उनकी लड़ाई जनता के हित के लिए है. आज की जो नयी पीढ़ी राजनीति में आयी है, उसे राज्य के माकपा युग के दागदार दिनों की याद दिलाने की भी जरूरत है. तृणमूल प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए नहीं दौड़ेगी. लेकिन हम राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 42 सीटें हासिल करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ेंगे.

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निगम का खजाना खाली, सरकारी आयोजनों का खर्च उठाने में भी करना पड़ रहा संघर्ष

कोलकाता नगर निगम का खजाना खाली है. ऐसे में सरकारी आयोजनों का खर्च उठाने में भी निगम को संघर्ष करना पड़ रहा है. 22 अगस्त को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेताजी इंडोर स्टेडियम में पूजा समिति के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगी. इस आयोजन में पिछले साल सरकारी खजाने से करीब 50 लाख रुपये खर्च किये गये थे. ऐसे में निगम ने पिछले साल हुए आयोजन खर्च को प्राप्त करने के लिए कई बार गृह विभाग को पत्र लिखा है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है. इस बीच निगम के द्वारा ही यह आयोजन किया जायेगा. नगर निगम सूत्रों के मुताबिक बकाया भुगतान नहीं होने से मेयर फिरहाद हकीम नाराज हैं.

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पिछले वर्ष के आयोजन के खर्च की फाइल भेजी गयी नवान्न

उन्होंने विभाग के अधिकारियों से कहा कि कार्यक्रम का खर्च गृह विभाग द्वारा वहन किया जाना चाहिए. मेयर के निर्देशानुसार पिछले वर्ष के आयोजन के खर्च की पूरी फाइल फिर से नवान्न भेज दी गयी है. पिछले साल उस बैठक में भोजन और पंडाल पर 49 लाख 25 हजार 950 रुपये खर्च किये गये थे. भोजन पैकेट की आपूर्ति करने वाले डेकर्स लेन में एक कैटरिंग कंपनी के मालिक देवब्रत हालदार ने कहा, “पिछले साल के आयोजन के भोजन पैकेट के लिए लगभग नौ लाख रुपये अभी तक नहीं मिले हैं. इस संबंध में मुझसे 22 अगस्त के कार्यक्रम के लिए पैकेट उपलब्ध कराने को कहा गया है. लेकिन, अगर मुझे पिछले साल का बकाया नहीं मिला, तो मैं इस बार खाने के पैकेट की जिम्मेदारी नहीं लूंगा.’

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