कोलकाता (नम्रता पांडेय): पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना स्थित बकखाली थाना अंतर्गत हिलसा मछली पकड़ने के लिए गहरे सागर में गये मछुआरों का जहाज (Trawler) डूब गया. इस पर 12 लोग सवार थे. मौसम विभाग के अलर्ट की अनदेखी कर ये मछुआरे सागर में चले गये थे. इनमें से एक ट्रॉलर बंगाल की खाड़ी के पास डूब गया. घटना शनिवार सुबह की है. दुर्घटनाग्रस्त ट्रॉलर का नाम “तारामां-4” है.
सूत्रों के अनुसार, 12 मछुआरों के साथ सागर की ऊंची-नीची लहरों में ट्रॉलर डूब गया. लेकिन अन्य ट्रॉलरों के मछुआरों की मदद से तारामां-4 के सभी मछुआरों को सुरक्षित निकाल लिया गया. दूसरे ट्रॉलर की मदद से सभी को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया गया है.
गौरतलब है कि 15 जून को सरकारी प्रतिबंध हटाये जाने के बाद हिलसा की तलाश में तारामा-4 नाम के ट्रॉलर में 12 मछुआरे गहरे समुद्र में चले गये थे. बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव के कारण आने वाले तूफान की चेतावनी पहले ही मछुआरों को दी जा चुकी थी. फिर भी सभी मछुआरे गहरे समुद्र में मछली पकड़ने निकल गये.
दक्षिण 24 परगना मत्स्य विभाग ने सभी मछुआरों से तुरंत बंदरगाह पर लौटने का अनुरोध किया भी किया था. मछुआरों के संगठन के अनुसार, शुक्रवार को ब्रजबल्लभपुर से 12 मछुआरों को लेकर एफबी तारामां-4 नाम का ट्रॉलर हिलसा मछली की तलाश में गहरे समुद्र में गया था.
समुद्र में ऊंची-नीची लहरों को देखते हुए गहरे समुद्र में किसी के भी जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन मछुआरों ने प्रतिबंध की अनदेखी की और गहरे समुद्र में चले गये. बकखाली से दो घंटे का सफर पूरा करने के बाद ट्रॉलर का डेक फट गया और उसमें पानी भरने लगा. ट्रॉलर में सवार मछुआरों ने चिल्लाकर मदद मांगनी शुरू कर दी.
Also Read: बंगाल में आ रहा है अम्फान से भी बड़ा तूफान, मौसम विभाग के अलर्ट का क्या है सच?
आसपास के ट्रॉलरों के साथ वायरलेस से संपर्क करने की कोशिश की गयी. कुछ देर बाद मछुआरों के एक और ट्रॉलर ने उन्हें बचा लिया. हालांकि, ट्रॉलर में मछुआरों की संख्या की जांच की जा रही है. ट्रॉलर डूब जाने से ट्रॉलर के मालिक को भारी नुकसान हुआ है.
हिलसा सीजन की शुरुआत में ही मालिक का ट्रॉलर डूब जाने के बाद अब पूरे सीजन उसकी कमाई नहीं हो पायेगी. दूसरी ओर, मत्स्य विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के बावजूद मछुआरे नियम तोड़कर समुद्र में मछली पकड़ने क्यों जा रहे हैं.
Posted By: Mithilesh Jha