पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. सीएम ममता बनर्जी की आपत्ति के बावजूद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को हिंसा प्रभावित कूचबिहार का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात करके हालात की जानकारी ली. बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से कूचबिहार पहुंचने के बाद राज्यपाल ने सीएम ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा प्रशासनिक आदेश का हवाला देकर उन्हें संवैधानिक कर्तव्य के पालन से रोकने की कोशिश की जा रही है. लेकिन, वो अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन करते रहेंगे.
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राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शीतलकुची का दौरा भी किया. इस दौरान उन्होंने चुनाव के नतीजों के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात भी की. यात्रा के दौरान राज्यपाल को कुछ लोगों ने काले झंडे भी दिखाए. राज्यपाल के खिलाफ ‘गो बैक’ के नारे भी लगाए गए. हिंसा पीड़ितों से मुलाकात के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि चुनाव रिजल्ट के बाद आगजनी और लूटपाट हो रही है. यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. तीन मई के बाद मुख्मंत्री ममता बनर्जी के पास सर्वसम्मत अधिकार हैं. मुख्यमंत्री को शपथ लिए हुए करीब नौ दिन बीत चुके हैं. वो हिंसा के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही हैं. एक भी दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है.
#WATCH | West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar was shown black flags by a group of people who also raised slogans during his visit to Sitalkuchi, Cooch Behar. pic.twitter.com/TA6StfDgk0
— ANI (@ANI) May 13, 2021
यात्रा को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैंने जानकारी मांगी है. संविधान के तहत यह मेरी ड्यूटी है. देश-दुनिया से पूछा जा रहा है कि राज्यपाल आप क्या कर रहे हैं? कैसे आप बंगाल को रक्त-रंजित करने दे रहे हैं? किस प्रकार की आगजनी हो रही है? महिलाएं और बच्चे, जिन्होंने राजनीतिक समर्थन नहीं दिया, उनके अधिकारों पर चोट कैसे किया जा रहा है? चुनाव के दौरान सीएम के दुर्भाग्यपूर्ण आचरण से ऐसी घटनाएं हुई हैं. चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी ने कहा था कि सेंट्रल आर्म्ड फोर्स सदा नहीं रहेंगी. हम सभी को देख लेंगे. इस प्रकार की चुनौती की संविधान इजाजत नहीं देता है. सेंट्रल पुलिस और सशस्त्र पुलिस का टीएमसी वर्कर्स विरोध करें, यह कैसा आचरण है ? यह कैसे स्वीकार किया जा सकता है? प्रचार के दौरान जो कुछ भी धमकी दी गई थी. आज वो सब संविधान की मर्यादा लांघ कर हकीकत में दिख रहा है.
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पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को अगाह किया था. डीजीपी और गृह सचिव को बुलाया था. तीन मई को डीजीपी से रिपोर्ट मांगी थी, जो आज तक नहीं मिली. लोग अपने अधिकारों को नहीं बचा पा रहे हैं. जान बचाने के लिए गांव के गांव खाली हो गए. ऐसी स्थिति में खुद की पीठ थपथपाना अच्छा नहीं है. यह किसी भी तरीके से जायज नहीं है. इसे बदलना होगा. पश्चिम बंगाल में हिंसा को तुरंत खत्म करना होगा.
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राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपनी यात्रा को रोकने के लिए मिली सीएम की सलाह पर कहा कि मैंने सीएम के पत्र का जवाब दिया है. संविधान के बाहर कोई नहीं जा सकता, प्रशासनिक आदेश संविधान को अवरुद्ध नहीं कर सकता है. इसका इतिहास फैसला करेगा. इतिहास ममता बनर्जी और जगदीप धनखड़ का फैसला करेगा. मुझे कहते हुए बड़ा संकोच हो रहा है कि पश्चिम बंगाल में क्या कुछ नहीं हो रहा है? कहां है मानवाधिकार बचाने वाली संस्थाएं? कहां है मीडिया? पश्चिम बंगाल की सरकार किसी भी सूरत में अधिकारियों को अपनी मुट्ठी में नहीं रख सकती है.