धूपगुड़ी के नवनिर्वाचित विधायक निर्मल चंद्र राय के शपथ ग्रहण को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Anand Bose) ने सीधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि राजबंशी विधायक का शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में आयोजित किया जाना चाहिए, इससे राजभवन की प्रतिष्ठा बढ़ेगी. दरअसल, निर्मल चंद्र राय आठ सितंबर को धूपगुड़ी के विधायक चुने गये थे. लेकिन विधानसभा और राजभवन में तनाव के कारण वह अभी तक शपथ नहीं ले सके हैं. एक बार पता चला कि राज्यपाल ने निर्मल चंद्र को शपथ लेने के लिए राजभवन बुलाया है. हालांकि, तृणमूल के विजयी उम्मीदवार ने दावा किया कि पत्र उन तक समय पर नहीं पहुंचा. इन सबके बीच, स्पीकर बिमान बनर्जी ने राज्यपाल की भूमिका को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कहा कि पहले शपथ ग्रहण को लेकर ऐसा नहीं होता था.
स्पीकर की नाराजगी के बाद सुनने में आ रहा है कि डिप्टी स्पीकर को शपथ दिलवाने की जिम्मेदारी दी जा रही है. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी यही दावा किया. हालांकि, उपसभापति ने बताया कि उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है. स्पीकर बिमान बनर्जी ने भी कहा कि राजभवन की ओर से डिप्टी स्पीकर को कोई पत्र नहीं दिया गया है. हालांकि, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. इस पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि अनुसूचित जनजाति के विधायक पद की शपथ का कार्यक्रम राजभवन में ही होना चाहिए, इससे राजभवन की प्रतिष्ठा बढ़ेगी.मुख्यमंत्री ने इस पत्र की प्रति विधानसभा अध्यक्ष को भेजी है. इस पत्र को प्राप्त करने के बाद उन्होंने राज्यपाल को जवाब भी दिया. उन्होंने राज्यपाल से कहा : राज्य विधानसभा की गरिमा बहुत ऊंची है. विधानसभा में सभी जाति और धर्म के लोगों ने शपथ ली है.
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धूपगुड़ी उप चुनाव के नतीजे दो सप्ताह पहले घोषित हुए थे. पर अब तक तृणमूल के विजयी उम्मीदवार निर्मल चंद्र राय शपथ नहीं ले सके हैं. निर्मल चंद्र राय को शपथ दिलाये जाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि शपथ दिलाये जाने को लेकर राजनीति हो रही है है. उन्होंने विधानसभा में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं. विधानसभा के बाहर खड़े होकर श्री बनर्जी ने कहा पहले किसी विधायक को शपथ दिलाये जाने को लेकर इस तरह से खींचतान नहीं होती थी. उन्होंने कहा हम सशक्त थे. विधानसभा अध्यक्ष ही शपथ का दिन तरह तय करते थे.
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स्पीकर ने पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा ही व्यवस्था बदली गयी थी. कहा कि, जब तक राज्यपाल अनुमति नहीं मिल जाती तब तक किसी विधायक को शपथ नहीं दिलायी जा सकती है. जानकारी के अनुसार, उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद ही तृणमूल विधायक निर्मल राय के शपथ ग्रहण की फाइल राजभवन भेज दी गयी थी. कथित तौर पर वह फाइल काफी समय तक राजभवन में पड़ी रही. इसके बाद राजभवन की ओर से बताया गया कि राज्यपाल निर्मल चंद्रा को राजभवन बुलाकर शपथ दिलाना चाहते हैं. राजभवन में कोई विधायक कैसे शपथ लेता है, इसे लेकर भी काफी विवाद भी हुआ. इस बीच, राज्यपाल पर राज्य को सूचित किये बिना शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी शुरू करने का आरोप लगाया गया था.
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निर्मल चंद्रा को खुद अपने शपथ ग्रहण के बारे में कुछ नहीं पता था. इसके चलते वह शनिवार को राजभवन में शपथ ग्रहण के लिए मौजूद नहीं हो सकते थे. उधर, राजभवन की ओर से बताया गया था कि, निर्मल राय को पत्र भेजकर शपथ ग्रहण की तारीख की जानकारी दी गयी थी. लेकिन निर्मल ने दावा किया कि उन्हें पत्र गत सोमवार को मिला था. मामले की जानकारी मिलते ही विधानसभा मंत्री शोभनदेव ने निर्मल से संपर्क किया. निर्मल ने उन्हें सारी बात विस्तार से बतायी. अब नये विधायक को शपथ दिलाये जाने के लेकर संसदीय कार्यमंत्री शोभनदेव चटोपाध्याय ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पत्र लिखा है. शोभनदेव ने कहा कि, निर्मल जब तक शपथ नहीं ले लेते, तब तक वह अपने क्षेत्र के विकास कार्य को नहीं कर सकते.
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