कोलकाता : विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व्हीलचेयर पर प्रचार कर रही हैं, क्योंकि उनके पैर में चोट लगी है. इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी मिल गयी है, पर उनके पैर में चोट कैसे लगी, इसकी जांच अभी भी जारी है. हालांकि चोट लगने के बाद ममता बनर्जी ने इसे भाजपा की साजिश बताया था. इसके बाद भाजपा ने भी चुनाव आयोग का रुख किया था और मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की थी.
ममता बनर्जी के पैर में चोट कैसे लगी, इसकी जांच चल रही है. इस मामले में एक खंभे का भी जिक्र हुआ था. इसके बाद जांच एजेंसी खंभे के एंगल से भी जांच कर रही है. पुलिस और फॉरेंसिक विभाग की टीम घटनास्थल बिरुलिया बाजार जाकर वहां मौजूद खंभों की जांच कर रही है. नंदीग्राम के इस इलाके के खंभों पर फॉरेंसिक डिपार्टमेंट का सील चस्पा किया गया है.
राज्य की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी ने इलाके के खंभों की जांच की है और उसमें सील चिपका दिया है. गौरतलब कि नंदीग्राम के लिए नामांकन करके लौटने वक्त बिरुलिया बाजार में ममता के पैर में चोट लग गयी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसे साजिश करार देते हुए आरोप लगाया था कि विपक्षी पार्टी के चार पांच लोगों ने आकर उन्हें धक्का दिया, जिससे वह घायल हो गयीं.
इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. पूरे राज्य में जगह-जगह पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था. तृणमूल और भाजपा के नेताओं के बीच खूब बयानबाजी भी हुई थी. फिर दोनों पार्टी के नेता चुनाव आयोग पहुंचे थे और मामले की जांच की मांग की थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने मामले को लेकर राज्य सरकार और पर्यवेक्षकों से रिपोर्ट मांगी थी. रिपोर्ट आने के बाद चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए प्रशासनिक फेर बदल किये थे. पूर्व मेदिनीपुर के एसपी को हटाया गया था. इसके अलावा डीएम और डीइओ भी बदले गये थे. एसपी के खिलाफ आयोग ने आरोप तय करने के लिए कहा था.
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Posted by – Aditi Singh