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राजू झा हत्याकांड का झारखंड कनेक्शन! जेल में कैद गैंगस्टर अमन सिंह से पुलिस ने की पूछताछ

कोयला कारोबारी राजू झा की हत्या की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही है. हत्या के बारह दिन बीत जाने के बाद भी जांच हेतु 12 पुलिस अधिकारियों की SIT अबतक इस हत्या मामले में असल हत्यारों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

बर्दवान, मुकेश तिवारी. कोयला कारोबारी राजू झा की हत्या की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही है. हत्या के बारह दिन बीत जाने के बाद भी जांच हेतु 12 पुलिस अधिकारियों की SIT अबतक इस हत्या मामले में असल हत्यारों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. हालांकि SIT के अधिकारी राजू झा हत्या मामले को लेकर अब तक झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों की जेलों में कैद कई गैंगस्टर से मुलाकात और बातचीत तथा जानकारी जुटा कर इस हत्या की गुत्थी सुलझाने की कोशिश में लगी है. पुलिस सूत्रों का अंदेशा है कि क्या कोयला माफिया राजू झा की हत्या के पीछे उत्तर प्रदेश का कुख्यात गैंगस्टर अमन सिंह ही असली ‘सुपारी हत्यारा’ है? क्योंकि पूर्व बर्दवान जिला पुलिस के जांच अधिकारियों के हालिया रुझान ऐसा ही इशारा कर रहे है.

अभी तक पूरी जांच नहीं हो पाई

लेकिन इस पर अभी तक पूरी जांच नहीं हो पाई है. पूर्व बर्दवान जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा झारखंड की एक जेल में बंद गैंगस्टर अमन सिंह के संबंध में जेलर से सीधे पूछताछ किए जाने के बाद से इस मामले पर अटकलें तेज हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक कामनाशीष सेन ने पिछले शनिवार को अमन सिंह को लेकर झारखंड के हजारीबाग केंद्रीय कारागार अधीक्षक से पूछताछ चलाया था. पुलिस के एक अन्य सूत्र ने बताया कि पिछले दो दिनों में न केवल हजारीबाग, बल्कि झारखंड के रांची और बिहार के पटना सेंट्रल जेल सहित कई अन्य वांछित अपराधियों की तलाश की जा चुकी है.

अंधाधुंध फायरिंग कर राजू झा की नृशंस हत्या

सूत्रों का अंदेशा है कि अमन सिंह ने ही राजू झा हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए हजारीबाग जेल के अंदर से ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए बिहार या झारखंड के कई स्थानों से कुशल शार्पशूटरों को काम पर रखा था. उनमें से दो ने शक्तिगढ़ में राजू झा पर अंधाधुंध फायरिंग कर राजू झा की नृशंस हत्या कर दी थी. इन शार्प शूटरों की तलाश में घटना के चश्मदीदों के बयानों के अनुसार बनाए गए स्कैच को SIT द्वारा झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जेलों में भेजा गया है, ताकि यह जानकारी मिल सके कि ये कितने समय से जेल में बंद हैं, किस अपराध में आरोपित हैं, कब तक वे बाहर होंगे या हुए हैं?

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राजू के करीबियों से भी पूछताछ शुरू

इसके अलावा पूर्व बर्दवान जिला पुलिस ने राजू के उन करीबियों से भी पूछताछ शुरू कर दी है, जिनमें कोयला कारोबारी भी शामिल हैं. जिनके हाल ही में राजू झा के साथ खराब संबंध रहे हैं. जांच अधिकारियों ने ऐसे ही एक कारोबारी प्रिंस सिंह से पूछताछ की है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि सूची में कम से कम एक सौ नाम दर्ज किए गए हैं. सूची लंबी हो सकती है. बताया जाता है कि सूची में मौजूद कई लोग अब कोलकाता में हैं, और कई लोग दक्षिण भारत में है. उन सब से सीट पूछताछ चला रही है.

सामने आया घटना का सीसीटीवी फुटेज

बताया जा रहा है कि दुर्गापुर के कोयला कारोबारी राजेश झा उर्फ ​​राजू की एक अप्रैल को बर्दवान में राष्ट्रीय राजमार्ग पर शक्तिगढ़ में अज्ञात बदमाशों ने नीली बलेनो कार से आने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी. गत सोमवार शाम लीक हुए एक सीसीटीवी फुटेज के वीडियो में दो बदमाश नीली कार से उतरकर राजू झा पर ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए नजर आए थे. भागते समय उन्होंने राजू की मौत सुनिश्चित करने के लिए उसके सीने में दो और राउंड फायर किए थे. पूरे ऑपरेशन को महज 30 सेकंड से भी कम समय में अंजाम दिया गया था.

बंगाल के जिलों में काफी तनाव फैल गया

राजू झा जैसे बड़े कोयला कारोबारी के मारे जाने से बंगाल के जिलों में काफी तनाव फैल गया था. राजनीतिक तनाव भी बढ़ता गया. क्योंकि, 2021 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, राजू, जो कभी सीपीएम के करीबी थे, अपने पुराने दोस्त शंख विश्वास के साथ, एक पुलिस अधिकारी, दुर्गापुर के पलाशडीहा मैदान में भाजपा पार्टी में ज्वाइन किया था. तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने राजू झा को भाजपा में शामिल किए थे. लेकिन इसके बाद राजू झा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. बाद में राजू झा भाजपा से दूरी बना लिए थे. इस राजनीतिकरण के कारण सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से राजू झा के बीच विवाद और दूरी बन गई थी. स्वाभाविक रूप से, राजू की हत्या के साथ राजनीतिक अंदेशा भी कई गुना बढ़ गया था.

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राजू झा को इतनी बेरहमी से किसने मारा ?

हालांकि इस हत्याकांड से सीधे राजनीतिक संबंध की संभावना अभी पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है. लेकिन सवाल यह है कि आखिर राजू झा को इतनी बेरहमी से किसने मारा? इस सवाल का जवाब अभी जांचकर्ताओं के हाथ नहीं लगा है. सीट के जांच अधिकारी पहले ही बिहार, झारखंड, पूर्व और पश्चिम बर्दवान, बीरभूम और मुर्शिदाबाद समेत राज्य में कई जगहों पर छापेमारी कर चुके है. लेकिन, अभी तक इस हत्या का मकसद स्पष्ट नहीं हो पाया है. लेकिन SIT जांचकर्ताओं को इस बारे में कोई अंदाजा नहीं है कि सुपारी देकर किसने किसके कहने पर राजू झा की हत्या करवाई. और इसी वजह से पुलिस अधीक्षक कामनाशीष सेन ने गैंगस्टर अमन सिंह के बारे में पूछताछ करने के लिए सीधे हजारीबाग जेल अधीक्षक को फोन किये थे. लेकिन सवाल यह उठ रहा है की अमन सिंह राजू झा की हत्या क्यों करेगा?

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