कोलकाता : कोलकाता महानगर की जोड़ासांकू विधानसभा सीट पर इस बार लड़ाई दिलचस्प भी है और जबर्दस्त भी. इस क्षेत्र में उम्मीदवारों का भविष्य मारवाड़ी समुदाय के मतदाता ही तय करते हैं. इस बार तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी, दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार बदल दिये हैं. दोनों ने मारवाड़ी को ही टिकट दिया है.
सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इस बार स्मिता बक्शी का टिकट काटकर यहां से विवेक गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है. भाजपा ने भी अपने सीनियर लीडर राहुल सिन्हा का टिकट काटकर यहां से मारवाड़ी समुदाय की मीना देवी पुरोहित पर भरोसा जताया है.
विवेक गुप्ता तृणमूल के राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं. पहली बार वह विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मीना देवी पुरोहित चार बार पार्षद और कोलकाता की उप-मेयर रह चुकी हैं. दोनों उम्मीदवारों की मारवाड़ी समुदाय पर अच्छी पकड़ है, जो उनकी ताकत मानी जाती है. संयुक्त मोर्चा की ओर से कांग्रेस के अजमल खान मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं.
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आजादी के समय से एक-दो मौकों को छोड़ दें, तो यहां कांग्रेस का कब्जा रहा है. लेकिन, ममता बनर्जी के कांग्रेस से अलग होने और तृणमूल कांग्रेस का गठन करने के बाद टीएमसी ने इस सीट पर कब्जा किया हुआ है. भाजपा इस सीट पर पिछले चुनावों तक कमजोर थी.
बंगाल भाजपा के दिग्गज नेता राहुल सिन्हा यहां से लोकसभा और विधानसभा, दोनों ही चुनावों में किस्मत आजमा चुके हैं, लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. उनके जैसे बड़े चेहरे की बजाय भाजपा ने इस बार मीना देवी पुरोहित को अपना उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेला है.
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जोड़ासांकू सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. मारवाड़ी विधायकों ने ही लंबे समय तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. वर्ष 1957 से 1996 तक कांग्रेस के टिकट पर मारवाड़ी उम्मीदवार भारी मतों से जीतते रहे. कांग्रेस के देवकी नंदन पोद्दार सबसे लोकप्रिय नेता हुए. वह चार बार विधायक चुने गये.
वर्ष 2001 में तृणमूल ने पहली बार इस सीट पर कब्जा जमाया. वर्ष 2016 तक उसके उम्मीदवार अजेय रहे. उल्लेखनीय है कि इसी विधानसभा क्षेत्र में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जन्मस्थली ठाकुरबाड़ी स्थित है. यह विधानसभा सीट बंगाल के साहित्य, कला, साधना और शिक्षा के केंद्र के रूप में विख्यात है.
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यहीं कोलकाता का बड़ाबाजार भी आता है, जो राज्य में व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र है. संकड़ी गलियों और सौ साल से ज्यादा पुराने जीर्ण-शीर्ण भवनों वाले इस बड़ाबाजार में हर तरह का कारोबार होता है. बहरहाल, देखना यह है कि जंग दो मारवाड़ी उम्मीदवारों के बीच होती है या कांग्रेस का तीसरा उम्मीदवार कोई खेल करता है.
Posted By : Mithilesh Jha