कोलकाता, विकास कुमार गुप्ता : पश्चिम बंगाल की राजधानी के आनंदपुर इलाके में नवजात की खरीद-बिक्री गिरोह के सक्रिय होने का खुलासा हुआ है. यहां 21 दिन की नवजात बच्ची को 4 लाख में बेचने के आरोप में पुलिस ने बच्ची की मां समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. घटना आनंदपुर थानाक्षेत्र के नोनाडांगा रेल कॉलोनी में सोमवार रात की है. पकड़ी गयी आरोपियों में बच्ची की मां का नाम रूपाली मंडल है. उसके साथ पुलिस ने इस गिरोह में शामिल कल्याणी गुहा, रूपा दास, लालती दे, पुर्णिमा कुंडू और श्वपना सरदार को गिरफ्तार किया है. सभी को महानगर के हरिदेवपुर, तिलजला के अलावा अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार सभी आरोपियों को मंगलवार को अलीपुर अदालत में पेश करने पर सभी को पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार रूपाली ने चार बिचौलियों के जरिए अपनी बेटी को कल्याणी गुहा को बेच दिया. कुछ दिन पहले आनंदपुर थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी थी. उस शिकायत के आधार पर आनंदपुर थाने की पुलिस ने जांच शुरू कर छह लोगों को अरेस्ट किया है. पुलिस ने बाल तस्करी का मामला दर्ज करने हुए घटना की जांच शुरु की है.
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पुलिस सूत्रों के मुताबिक बच्ची की मां की इस हरकत के बारे में प्रतिमा भुइयां नामक एक महिला ने आनंदपुर थाने की पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस का कहना है कि प्रतिमा ने पुलिस को बताया कि उसके पड़ोस के घर में रूपाली मंडल नामक महिला रहती है. उस महिला ने अपने 21 दिनों की बच्ची को 4 लाख रुपये में अन्य महिला को बेच दिया है. इस जानकारी के बाद ही पुलिस की टीम ने मामले की जांच शुरू की. रूपाली से पूछताछ करने पर उसने अपनी बच्ची को बेचने की बात स्वीकार कर ली. इसके बाद उसके बयान के आधार पर पुलिस ने इस अपराध में शामिल अन्य महिलाओं को शहर के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार कर लिया.
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पुलिस के हाथों गिरफ्तार आरोपी महिलाओं ने बताया कि कल्याणी गुहा नामक एक महिला, जो विगत 15 वर्षों से मां नहीं बन पा रही थी. उसी ने कुछ महिलाओं को नवजात बच्ची खरीदने के बारे में कहा था. यह जानकारी रूपाली को मिली. इसके बाद रूपाली अपनी बच्ची को बेचने के लिए राजी हो गयी. जिसके बाद कल्याणी ने रुपाली से संपर्क किया. इसके बाद बच्ची को बेचने का सौदा 4 लाख रुपये में तय हो गया. जिसके बाद सोमवार को कल्याणी ने रूपाली की बच्ची को चार लाख रुपये में खरीद लिया. इस गिरोह में और भी कोई शामिल है या नहीं, पुलिस इसका पता लगा रही है.
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पश्चिम बंगाल में इससे पहले भी एक घटना घटी थी जिसमें उत्तर 24 परगना जिले के पानीहाटी में रहने वाली एक महिला ने आईफोन के लिये अपने छह महीने के बच्चे को बेच दिया था. पुलिस ने इस घटना में बच्चे की मां को गिरफ्तार किया था. घटना के बाद से पिता फरार था. घटना को लेकर पानीहाटी के 11 नंबर वार्ड में रोष देखा गया. स्थानीय लोगों के मुताबिक, इलाके के रहनेवाले जयदेव चौधरी और सती देवी समेत पूरे परिवार पर लंबे समय से ड्रग्स बेचने का आरोप था. दंपती खुद भी नशा करती थी. दंपती की आठ साल की बेटी और छह महीने का बेटा था.
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सूत्रों के मुताबिक घटना की खबर के बाद सती देवी का पति इलाके से फरार था. वहीं, सती देवी को लोगों से पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया. सती देवी ने स्वीकार किया कि आइफाेन के लिये उसने बच्चे को एक स्थानीय महिला को बेच दिया था. अभी तक उसे 70 हजार रुपये ही मिले हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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दूसरी ओर, पुलिस को शक है कि इस हवाले के पीछे कोई बड़ा रैकेट हो सकता है. जांच अधिकारी सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं कि रूपाली और कल्याणी उन बिचौलियों के संपर्क में कैसे आईं, क्या इस गिरोह में कोई और शामिल है या नहीं. पुलिस को जांच में पता चला कि यह बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह का काम है. इनका निशाना मुख्यतः फुटपाथ पर रहने वाले बच्चे होते हैं. तस्करी गिरोह के सदस्य जिले के विभिन्न हिस्सों से सड़क पर रहने वाले बच्चों को उठाते हैं और उन्हें कोलकाता लाते हैं.
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