कोलकाता, श्रीकांत शर्मा: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिस तरह से अपना व्यस्त समय निकाल कर आउट्राम घाट पहुंचीं और मेला प्रांगण का दौरा करने के बाद तीर्थयात्रियों को संबोधित किया, उससे लोगों को भी अहसास हो गया कि सीएम सागर मेले को कितना महत्व देतीं हैं. तृणमूल की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री न सिर्फ खुद कई बार मेले का दौरा किया, बल्कि उन्होंने मेले की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए गंगासागर मेले के दौरान कैबिनेट स्तर के कई मंत्रियों की तैनाती सागर मेले और कचुबेड़िया में करती रहीं. मुख्यमंत्री की यह मेहनत रंग भी लायी. इस वर्ष अब तक 39 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने पुण्य स्नान किया.
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नेपाल के धापा जिले से आये तुलसी राम कहते हैं : मैंने सुना था कि गंगासागर काफी कठिन है. इसलिए हमारे नेपाल से कम लोग ही इसका रुख करते हैं. लेकिन मोक्ष प्राप्ति के लिए यह जरूरी भी है. किसी तरह से हम 14 लोग यहां आने का प्लान बनाया. 12 जनवरी को हम आउट्राम घाट पहुंचे और उसी दिन बस से सागर मेला के लिए रवाना हो गये. मैं बड़े आराम से स्नान किया. शनिवार को नहाकर अपने देश के लिए रवाना होने वाला हूं. किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई.
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उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के गहमर से आये प्रेम उपाध्याय ने बताया कि मेला में समाजसेवी संस्था की सेवा भाव देखते ही बन रही थी. चारों तरफ भजन और सेवा की बरसात हो रही थी. ऐसा अद्भुत नजारा पहले कभी नहीं देखा. प्रशासन द्वारा बिजली-पानी के साथ सुरक्षा का बेहतर प्रबंध किया गया था. इसके लिए बंगाल सरकार धन्यवाद की पात्र है.
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यूपी के अमेठी से पधारे त्रिभुवपुरी ने बताया कि प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था काफी तगड़ी रही. आउट्राम घाट से लेकर गंगासागर मेले तक हर स्थान पर पुलिस वाले तैनात दिखे. सीसीटीवी से भी निगरानी हो रही है. रास्ते भर पुलिस वाले तीर्थयात्रियों की सहायता करते दिखे. महिला पुलिस भी तैनात दिखी.
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दिल्ली के राजाराम कहते हैं कि पुलिस तो थी, लेकिन उनका व्यवहार अच्छा नहीं था. कचुबेड़िया बस स्टैंड पर मैंने उससे सहायता मांगी, लेकिन उसने मेरी एक न सुनी. ऐसा लग रहा था कि वह मेरी भाषा समझ नहीं पा रहा था.
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बिहार के अररिया से ही आयीं भालेस्वरी देवी कहती हैं कि आउट्राम घाट से लेकर सागर मेले में तो सैकड़ों सेवा शिविर लगे हैं, लेकिन रास्ते में एक भी सेवा शिविर नहीं है. आठ घंटे तक लाइन में खड़े रहने से काफी परेशानी हुई. खाने और पीने के लिए पानी का भी अभाव था.
वेस्ट बंगाल यादव समाज, भोजपुरी सेवा संघ समेत अन्य स्वंयसेवी संस्थाएं गंगासागर तीर्थ करने आये तीर्थयात्रियों की सेवा में लगी हुई हैं. इस बार पुण्य स्नान दो दिनों का है. इसलिए कई लोग भीड़-भाड़ से बचने के लिए 14 जनवरी को ही गंगासागर जाने वाले थे. ऐसे में कई तीर्थयात्री कहीं छूट न जायें, इसके लिए शनिवार को दिनभर स्वयंसेवक तत्पर रहे. वेस्ट बंगाल यादव समाज की ओर से मेला अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद यादव, उपाध्यक्ष श्रीकांत यादव, राजदेव यादव व सुभाष प्रसाद समेत अन्य सक्रिय रहे. भोजपुरी सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि वे लोग तीर्थयात्रियों के बीच मास्क और सैनिटाइजर वितरित करते हुए उनके रहने-खाने इंतजाम करने के साथ सही तरीके से गंगासागर की ओर रवाना कर रहे हैं. ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह की तकलीफ न हो. हमारी प्राथमिकता तीर्थयात्रियों की हर संभव मदद करना है. हमने उनके रहने की व्यवस्था के साथ चाय, नाश्ता व इलाज का इंतजाम किया है.