पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में श्यामपुकुर विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले भाजपा नेता सुनील सिंह के घर पर कोलकाता नगर निगम ने बुलडोजर चला दिया है. जिसके बाद से कोलकाता नगर निगम में हंगामा शुरु हाे गया. भाजपा पार्षदों का कहना है कि आखिरकार कोलकाता नगर निगम ने बिना नोटिस भेजे कैसे बुलडोजर चलवा सकता है. इस हंगामे के दौरान निगम मुख्याल्य में भाजपा पार्षदों की तृणमूल पार्षदों के साथ मार-पीट हो गयी. काफी हंगामा शुरु हो गया.
कोलकाता नगर निगम के वार्ड नंबर 26 के निवासी और स्थानीय भाजपा नेता सुनील सिंह ने आरोप लगाया कि तृणमूल संचालित कोलकाता नगर निगम ने राजनीतिक कारणों से उनके घर पर बुलडोजर चला दिया. हालांकि कोलकाता नगर निगम का दावा है कि मकान नहीं मकान के अवैध हिस्से पर बुलडोजर चलाया गया है. हालांकि इस घटना के बाद से भाजपा और तृणमूल के बीच झड़प भी हो गई.
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मासिक अधिवेशन के सत्र के अंत में वार्ड नंबर 50 के पार्षद सजल घोष ने यह मुद्दा उठाया. लेकिन चेयरपर्सन माला रॉय ने उनसे कहा कि इस पर सत्र में चर्चा नहीं हो सकती. माला राॅय ने कहा कि जरूरत पड़ने पर मेयर से बात कर लीजिएगा. सजल घोष ने कहा, किसी भी नागरिक का घर इस तरह से नहीं तोड़ा जा सकता. कृपया मानवता के नाते इस मामले को देखें. सत्र में इस पर चर्चा नहीं हुई़. मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि वह चैंबर में भाजपा पार्षदों से बात करेंगे.
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मासिक अधिवेशन सत्र खत्म होने के बाद भाजपा पार्षदों ने सम्मेलन किया. भाजपा पार्षद विजय ओझा, मीनादेवी पुरोहित और सजल घोष के साथ शिकायतकर्ता सुनील सिंह भी मौजूद थे. दस मिनट बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में तृणमूल पार्षद महेश शर्मा आये. उनका सवाल था कि पार्षद क्लब सिर्फ पार्षदों के लिए है, वहां भाजपा जिला अध्यक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस कैसे कर सकते हैं. सजल ने प्रतिवाद किया कि वे सभी करदाता हैं. इसलिए हर किसी को वहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का अधिकार है. बप्पादित्य दासगुप्ता, असीम बोस, राजीव दास, कजरी बनर्जी समेत कई तृणमूल पार्षद पार्षद क्लब में आये. इसके बाद दोनों पक्ष की बहस शुरु हो गई.
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बीजेपी नेता सुनील सिंह ने दावा किया कि उनके घर को ढहाना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. वह चुनाव बाद हिंसा का शिकार हुए थे. लेकिन उनकी एफआईआर नहीं ली गई. बाद में उसकी शिकायत कोर्ट के माध्यम से पुलिस को सौंपी गई. सुनील ने आरोप लगाया कि तभी से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.तृणमूल ने दावा किया कि बीजेपी पार्षद सजल के सुरक्षा बलों ने उन पर हमला किया और उनकी पिटाई की. एके-47 राइफल से जान से मारने की धमकी दी गई. तृणमूल पार्षद शिकायत लेकर मेयर फिरहाद हकीम और चेयरपर्सन माला के पास पहुंचे. तृणमूल पार्षद बप्पादित्य दासगुप्ता, असीम बसु ने उन्हें लिखित में कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.
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उनका अनुरोध है कि नगर निगम परिसर में केंद्रीय बलों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए. चेयरपर्सन माला ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया. संयोग से हाल ही में राष्ट्रीय राजनीति में बुलडोज़रों को लेकर चर्चा और आलोचना का तूफान आया हुआ है. भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तक बुलडोजर का इस्तेमाल विवाद के केंद्र में रहा है. बुलडोजर कांड पर कोर्ट में फटकार भी खानी पड़ी. बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी बुलडोजर राजनीति के कट्टर समर्थक हैं. यहां तक कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने भी अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए आदित्यनाथ की बुलडोजर पद्धति की बात की थी. उसी लिहाज से इस बार बंगाल की राजनीति में बुलडोजर की एंट्री हुई है.
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