पश्चिम बंगाल में फर्जी अधिकारियों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है. अब, कोलकाता पुलिस ने खुफिया विभाग में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) के रूप में काम करने का दावा करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है. उसकी गिरफ्तारी की वजह बनी हेलमेट. दरअसल, पश्चिम बंगाल में लगातार फर्जी अधिकारियों की गिरफ्तारी हो रही है. इसके पहले फर्जी आईएएस अधिकारी देबांजन देब की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी ने ममता बनर्जी की सरकार पर खूब हमले किए थे.
कोलकाता पुलिस ने बताया मंगलवार की शाम बिना हेलमेट के बाइक से जा रहे राजीव चक्रवर्ती को रोका गया. उसके साथ एक अन्य युवक भी था. पुलिस ने राजीव का चालान काटना चाहा तो उसने खुद को खुफिया विभाग का एएसआई बताया. जब पुलिस ने पहचान पत्र मांगा तो राजीव ने आइडेंटिटी कार्ड दिखा दिया. ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी ने तुरंत राजीव की तिकड़म को पहचान लिया और गिरफ्तार कर लिया. उसके साथ जा रहे एक अन्य युवक से पूछताछ की गई.
पुलिस का कहना है राजीव चक्रवर्ती से पूछताछ की जा रही है. उसके ठिकाने की तलाशी भी की जाएगी. यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी, कहीं उसने फर्जी अधिकारी बनकर लोगों से ठगी तो नहीं की है. उसके जान-पहचान वालों को भी जांच में शामिल किया जाएगा. पुलिस की पूरी कोशिश है इस गंभीर मामले की जांच करके हर जरूरी जानकारियों को जुटा लिया जाए.
अगर बंगाल की बात करें तो पिछले कुछ महीने में कई फर्जी अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. फर्जी आईएएस अधिकारी देबांजन देब की गिरफ्तारी के बाद तो बीजेपी ने ममता बनर्जी पर गंभीर इल्जाम लगाए थे. देबांजन देब ने फर्जी कोरोना वैक्सीनेशन कैम्प लगाकर सैकड़ों लोगों को बेवकूफ बनाया था. यहां तक कि टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती भी देबांजन देब के झांसे में आ गई थी. मिमी चक्रवर्ती ने भी फर्जी कैम्प में शामिल होकर कोरोना से बचाव की वैक्सीन ली थी. मिमी ने सर्टिफिकेट नहीं मिलने पर शिकायत की और देबांजन की पोल खुल गई.