पुरुलिया. आदिवासी कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने के साथ कुड़माली भाषा को संविधान की स्वीकृति देने और सरना धर्मकोड लागू करने की मांग पर आंदोलन गुरुवार को भी चला. जगह-जगह सड़क व रेल सेवाएं ठप हो गयी. बेमियादी आंदोलन के कारण सड़क व रेलवे में हजारों की तादाद में यात्रियों को असुविधा झेलनी पड़ी. आद्रा मंडल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आदिवासी कुड़मी समाज के रेल रोको आंदोलन के कारण अब तक करीब 60 पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेनों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि 44 ट्रेनों का पथ परिवर्तन एवं पथ संक्षिप्त कर दिया गया.
‘झारखंड, ओड़िशा सुलग उठेगा’
गुरुवार को आंदोलन मंच में शामिल होने के बाद समाज के मुख्य लोगों के साथ विशेष बैठक करने के बाद आदिवासी कुड़मी समाज के मुखिया अजीत प्रसाद महतो ने कहा, ‘प्रशासन को जल्द हमारी मांगे माननी होंगी. प्रशासन ने अगर हमारे आंदोलन पर बुलडोजर चलाया, तो छोटा नागपुर सहित झारखंड, ओड़िशा सुलग उठेगा.’ उन्होंने कहा कि हम लोग सरकार को अल्टीमेटम दे चुके हैं, जल्द से जल्द सीआरआई रिपोर्ट के संशोधित कागजात केंद्र सरकार के पास भेजने होंगे, वरना जल्द ही पुरुलिया के और भी कई हिस्सों में रेल व पथ अवरोध आरंभ होगा.
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वृहद आंदोलन करने के लिए तैयार होने का आह्वान
अजीत प्रसाद महतो ने पश्चिम मेदिनीपुर के खेमासोनी पहुंचकर वहां आंदोलनकारियों को संबोधित किया. उन्होंने सभी से वृहद आंदोलन करने के लिए तैयार होने को कहा. आज जब उनसे पूछा गया कि आपके इस आंदोलन के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतें हो रही हैं, तो उन्होंने कहा, ‘मैं यात्रियों से क्षमा मांगता हूं, पर आपलोग हमें समर्थन करें क्योंकि यह भारतवर्ष के वृहद जाति की समस्या है. इस जाति को षड्यंत्र कर उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है. इसलिए हमारी लड़ाई है. राज्य सरकार जितनी जल्द हमारी मांगें मानेगी, उतनी जल्द ही गतिरोध खत्म हो जायेगा.’ बता दें कि इस आंदोलन को जहां एक ओर भारी समर्थन मिल रहा है वहीं, इससे कई लोग प्रभावित भी हो रहे है.