पश्चिम बंगाल में कोयला तस्करी मामले में मंत्री मलय घटक एक बार फिर इडी ने तलब किया था हालांकि जरुरी काम का बहाना करके एक बार फिर वह पेशी से बच गये है. इडी सूत्रों के मुताबिक, राज्य मंत्री ने पत्र लिखकर कहा है कि वह अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण दिल्ली जाने में असमर्थ हैं. इससे पहले मलय घटक ने इडी को बताया था कि पंचायत चुनाव में व्यस्तता के कारण वह इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे. इडी सूत्रों के मुताबिक कोर्ट के आदेश के मुताबिक मलय घटक को हर बार 15 दिन का समय देकर बुलाया जाता है. लेकिन वह विभिन्न कारण बताकर उपस्थिति होने से बच रहे हैं.
मंत्री मलय घटक को कई बार इडी तलब कर चुकी है. हर बार कोई ना कोई जरुरी काम बताकर वह इडी के समक्ष पेश होने से बचते नजर आ रहे है. ऐसे में केंद्रीय एजेंसी इस मामले को अदालत की अवमानना मानती है. इडी सूत्रों के मुताबिक, वकील की सलाह ली जा रही है. ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.
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दरअसल, मलय घटक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा था कि इडी उन्हें परेशान करती है. जब-तब पूछताछ के लिए बुला लेती है. वह पश्चिम बंगाल के मंत्री हैं और इडी की वजह से उनका काम प्रभावित होता है. उनके लिए संभव नहीं है कि जब भी इडी उन्हें बुलाये, वह पूछताछ के लिए पहुंच जायें. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इडी को यह निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही मलय घटक 15 दिन पहले नोटिस भेजकर बुलाया जाता है.
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इडी सूत्रों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है कि घटक को दिल्ली बुलाया गया है. इससे पहले भी कोयला तस्करी की जांच के सिलसिले में कानून मंत्री मलय घटक को नोटिस भेजकर इडी दफ्तर बुलाया गया था. पंचायत चुनाव होने का कारण दिखाकर उन्होंने उपस्थित होने से इनकार कर दिया था. मंत्री ने इडी से कुछ और समय मांगा था. इसके बाद इडी की तरफ से मलय घटक को नया नोटिस भेजकर महीने के तीसरे हफ्ते में दिल्ली के इडी दफ्तर में पेश होने को कहा गया था उन्होंने एक बार फिर जरुरी काम का हवाला देकर उपस्थित होने से इंकार कर दिया है.
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बताया जा रहा है कि पिछले साल सितंबर में सीबीआइ ने कोलकाता से लेकर आसनसोल तक मलय के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. मंत्री से कोलकाता के डलहौजी इलाके में स्थित सरकारी आवास पर भी पूछताछ की गयी. ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) के कई अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद मलय के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोयला तस्करी मामले की जांच शुरू की. मलय घटक मूल रूप से आसनसोल के रहने वाले हैं और आसनसोल नॉर्थ केंद्र से तृणमूल विधायक हैं.
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मंत्री मलय घटक के आसनसोल और कोलकाता के आवास पर सीबीआइ की छापेमारी के बाद उनकी पत्नी सुदेशना घटक ने दावा किया कि सीबीआइ के अधिकारियों को कुछ नहीं मिला है. मंत्री की पत्नी ने कहा कि सीबीआई के अधिकारी राज्य के मंत्री के घर को देखकर ‘हैरान’ हो गए थे. उन्होंने यह भी आश्चर्य व्यक्त किया कि एक मंत्री का घर भी ऐसा हो सकता है. उन्होंने सीबीआई अधिकारियों के व्यवहार की भी प्रशंसा की. हालांकि सुदेशना के दावे को लेकर सीबीआइ की ओर से कोई जवाब नहीं मिला
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सीबीआई ने नवंबर 2020 में कोयला घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके बाद इडी ने प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा मामला दर्ज किया गया था. सीबीआइ की प्राथमिकी में आसनसोल और इसके करीब बसे कुनुतोरिया और कजोरा इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से करोड़ों के कोयला चोरी का आरोप लगाया गया है. कोयला घोटाले से जुड़े मामले में अनूप माझी उर्फ लाला मुख्य आरोपी है. इडी ने पहले दावा किया था कि टीएमसी सांसद और महासचिव अभिषेक बनर्जी कोयला घोटाले से कमाई रकम में लाभ ले चुके हैं. इडी ने मामले में अनूप माझी की 165 करोड़ रुपए की संपत्ति भी कुर्क की है.
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