पश्चिम बंगाल में गत 23 नवंबर को नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित तृणमूल कांग्रेस के सम्मेलन के दौरान सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (ABhishek Banerjee) की तस्वीर नहीं लगाये जाने को लेकर पार्टी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष के बाद अब कमरहट्टी के विधायक मदन मित्रा ने भी टिप्पणी की है. तृणमूल नेता मदन मित्रा ने कहा कि “इसमें कोई साजिश या षड्यंत्र नहीं हो सकता है. सम्मेलन काफी जल्दबाजी में आयोजित हुआ था. इसके ठीक पहले ही राज्य में वाणिज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया था. मेरा मानना है कि मौजूदा समय में पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी और सांसद अभिषेक बनर्जी का चरित्र एक तरह से ‘श्रीकृष्ण और अर्जुन’ की तरह हो गया है.
यदि अभिषेक एक ‘योद्धा’ हैं, तो उनको मार्ग दिखाने वाली तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी हैं. अभी तृणमूल की जो स्थिति है, उसमें ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक’ को अलग करके नहीं देखा जा सकता है. कहने का मतलब है कि सुश्री बनर्जी की तस्वीर होने का मतलब ही है, सांसद अभिषेक बनर्जी की तस्वीर का होना और अभिषेक बनर्जी की तस्वीर का होना ही पार्टी सुप्रीमो की तस्वीर का होना है.
” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं. बंगाल में उत्तर प्रदेश के मुलायम सिंह और अखिलेश सिंह के बीच जैसे हालात नहीं होंगे. तृणमूल नेता श्री मित्रा का कहना है कि “मेरा यह भी मानना है कि जब देश में होने वाले आम चुनाव में सुश्री बनर्जी व्यस्त होंगी, तब उनकी अनुपस्थिति में हमारे पूरे परिवार (तृणमूल) को अभिषेक ही संभालेंगे. गौरतलब है कि ममता बनर्जी के साथ अभिषेक बनर्जी की पोस्टर ना होने से राजनीति गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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