पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि वो इस बार भवानीपुर के बजाय नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी. यहां पर ममता का सीधे बीजेपी से मुकाबला है. भवानीपुर से ममता बनर्जी पिछले 10 सालों से विधायक हैं. उन्होंने पहली बार 2011 में यहां से उप चुनाव लड़ा था और विजयी रही थीं. 2011 के चुनाव में उनकी पार्टी के सुब्रत बख्शी जीते थे, लेकिन बाद में उन्होंने दीदी के लिए ये सीट खाली कर दी थी. सुब्रत बख्शी को कुल 64.77 फीसदी वोट मिले थे
ममता ने 2011 में माकपा के नारायण प्रसाद जैन को करीब 50 हजार वोट के अंतर से हराया था. लेकिन शुभेंदु अधिकारी के पाला बदल के बाद तृणमूल कांग्रेस में राजनीतिक खलबली थी. मुख्यमंत्री ने नंदीग्राम में सभा के दौरान स्वयं को वहां का उम्मीदवार घोषित कर दिया था. इसलिए इस बार तृणमूल कांग्रेस ने शोभनदेव चट्टोपाध्याय को भवानीपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
आम चुनाव व उपचुनाव, दोनों में ही तीसरे नंबर पर थी भाजपा- 2011 में हुए उपचुनाव में ममता बनर्जी ना सिर्फ जीतीं, बल्कि जीत का अंतर और बड़ा कर लिया. उपचुनाव में ममता बनर्जी को 77.46 फीसदी वोट मिले, जो उसी साल हुए विधानसभा चुनाव से 12.69 फीसदी ज्यादा थे. ममता ने माकपा की नंदिनी मुखर्जी को 95,000 वोटों के फर्क से हराया. भाजपा तीसरे नंबर पर रही थी.
इसके बाद 2016 के विधानसभा चुनाव में भी ममता बनर्जी ने भवानीपुर से जीत दर्ज की. इस बार उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता दीपा दासमुंशी को हराया, पर 2011 के मुकाबले ममता को 29.79 फीसदी कम वोट मिले. दीदी की जीत का अंतर भी मात्र 25, 301 वोट तक सिमट गया. कांग्रेस प्रत्याशी दीपा को 40,219 वोट मिले थे, जबकि दीदी को 65,520 वोट मिले. उस वर्ष भी भाजपा तीसरे नंबर पर थी.
मुस्लिम वोटर होंगे निर्णायक- भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में करीब 90 हजार बंगाली मतदाता, 50 हजार गैरबंगाली मतदाता और करीब 45,000 मुस्लिम वोटर हैं. भाजपा बांग्ला भाषी व गैरबंगाली दोनों को रिझाने में जुटी है. माना जा रहा है कि इस सीट पर मुस्लिम वोट निर्णायक हो सकते हैं.
डोर-टू-डोर कैम्पेन कर रही भाजपा- भाजपा भवानीपुर में ममता बनर्जी को हराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. ममता के फॉर्मूले पर ही चलते हुए भाजपा नेता, दीदी को शिकस्त देना चाहते हैं. इसके लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वहां दिसंबर 2020 से ही कैम्प शुरू कर दिया है. भाजपा के नेता यहां दीदी के खिलाफ डोर-टू-डोर कैम्पेन कर रहे हैं. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा को तृणमूल से कम वोट मिले थे.
Posted By : Avinish kumar mishra