कोलकाता/नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) गुरुवार (24 मार्च 2022) को बीरभूम जिला (Birbhum District) के उस गांव में जायेंगी, जहां एक तृणमूल नेता की हत्या के बाद 8 लोगों को जिंदा जला दिया गया. इस घटना को वीभत्स बताते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने कहा है कि बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है. उन्होंने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है, जिसमें बंगाल में अनुच्छेद 355 लागू करने की मांग की गयी है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को जोर देते हुए कहा कि बीरभूम जिले में हिंसा के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. बीरभूम जिले के एक गांव में मंगलवार को कथित तौर पर कुछ मकानों में आग लगा दी गयी, जिसमें 8 लोग जिंदा जल गये. ममता बनर्जी ने कहा कि वह स्थिति का जायजा लेने बृहस्पतिवार को बागटुई गांव का दौरा करेंगी.
ममता बनर्जी ने एक ग्राम पंचायत उप प्रधान की हत्या के शीघ्र बाद कुछ मकानों में आग लगाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. कहा, ‘यह हमारी सरकार को बदनाम करने के लिए भाजपा, वाम दलों और कांग्रेस की साजिश है. बीरभूम की घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से संबंध रखते हों.’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने थाना प्रभारी, उपसंभागीय पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया है. पुलिस महानिदेशक कल से ही जिले में हैं.’
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मुख्यमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा कि उन्हें जिले का अपना दौरा एक दिन के लिए स्थगित करना पड़ा, क्योंकि वहां पहले से जुटे हुए अन्य राजनीतिक दलों के साथ वह नहीं उलझना चाहती थीं. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता घटनास्थल पर जाते समय ‘लंगचा’ (पड़ोसी बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ क्षेत्र में बनने वाली मिठाई) का स्वाद लेने के लिए रुक गये.
ममता ने अन्य राज्य में हिंसा की पुरानी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के सांसदों को असम में एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था, जहां वे एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) का विरोध करने गये थे. उनकी पार्टी के सांसदों को उत्तर प्रदेश में हाथरस और उन्नाव (जहां सामूहिक बलात्कार की घटनाएं हुई थी) में प्रवेश करने की अनुमति भी नहीं दी गयी थी, लेकिन उनकी सरकार ने ऐसा कभी नहीं किया.
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ममता दी ने कहा, ‘मैं बीरभूम हिंसा का बचाव नहीं कर रही, लेकिन इस तरह की घटनाएं उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार और राजस्थान में अक्सर हुआ करती हैं.’ विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने हालांकि कहा है कि उन्हें और उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों को घटनास्थल पर जाने से रोका गया. ममता बनर्जी ने कार्यक्रम के दौरान आरोप लगाया कि हिंसा की ऐसी घटनाएं पेट्रोल और अन्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि जैसे चिंताजनक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए रची गयी साजिश का परिणाम हैं.
ममता बोलीं- भाजपा ने मीडिया को बीरभूम पर शोर-शराबा करने को कहा
बंगाल की सीएम ने कहा, ‘भाजपा ने मीडिया को इस (बीरभूम हिंसा) पर शोर-शराबा करते रहने को कहा है.’ राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए ममता ने कहा, ‘एक लाट साहेब यहां बैठे हुए हैं और बंगाल को सबसे खराब राज्य बता रहे हैं. राज्य सरकार की बुराई कर रहे हैं.’ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घटनास्थल का दौरा करने के लिए मंगलवार को पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसमें चार सांसद शामिल हैं.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि पश्चिम बंगाल में आर्टिकल 355 लागू करें, ताकि वहां की ममता बनर्जी सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुरूप चले. बीरभूम में 8 लोगों को जिंदा जलाये जाने की घटना के बाद बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह चिट्ठी राष्ट्रपति को लिखी है. उन्होंने कहा कि बंगाल में दानव का राज है. अधीर रंजन भी 24 मार्च को बीरभूम जायेंगे. (एजेंसी इनपुट के साथ)
Posted By: Mithilesh Jha