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पीएम किसान योजना का क्रेडिट लेने में जुटीं ममता बनर्जी, पीएम मोदी की सरकार पर फिर साधा निशाना

पीएम किसान योजना का क्रेडिट लेने में जुटीं ममता बनर्जी, पीएम मोदी की सरकार पर फिर साधा निशाना

कोलकाता : प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के तहत पश्चिम बंगाल के किसानों को शुक्रवार को रकम की पहली किस्त मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर पूरी राशि का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया. बनर्जी ने किसानों को एक खुला पत्र लिखा और कहा कि बंगाल में पात्र किसानों को योजना का लाभ देने का निर्णय उनकी सरकार की निरंतर लड़ाई का परिणाम है.

ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने वर्ष 2018 में कृषक बंधु योजना शुरू की थी, जो पूरे देश के लिए एक मॉडल बन गयी. उन्होने कहा कि इसके बाद वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना शुरू की गयी. राज्य का कार्यक्रम केंद्र की योजना से बेहतर है, क्योंकि इससे किसानों को अधिक लाभ मिलता है. हम निकट भविष्य में अपनी योजना में और लाभ जोड़ने पर विचार कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के तहत देश के 9.5 करोड़ से अधिक किसानों को आर्थिक लाभ की आठवीं किस्‍त जारी की थी. आठवीं किस्‍त के तहत विश्‍व की सबसे बड़ी प्रत्‍यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्‍यम से 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे लाभार्थी किसानों के खातों में भेजी गयी.

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पीएम के कार्यक्रम में राज्य को आमंत्रण नहीं मिला -गृह मंत्रालय

पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के 7.03 लाख किसानों को दो-दो हजार रुपये की पहली किस्त भेजी गयी है. इस बीच, पश्चिम बंगाल के गृह विभाग ने बताया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में राज्य को आमंत्रित नहीं किया गया था. विभाग ने ट्वीट किया, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि पश्चिम बंगाल को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत राशि जारी करने के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला था.’

विभाग ने कहा, ‘मुख्यमंत्री और पश्चिम बंगाल सरकार की मांग और कार्रवाई की वजह से राज्य के सात लाख किसानों को किसान सम्मान निधि के तौर पर पहली किस्त प्रत्यक्ष अंतरण के माध्यम से मिली है, यह जानकारी राज्यों को मिले आंकड़े में दी गयी है. राज्य अपने किसानों के लिए लड़ता रहेगा.’

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विभाग के सूत्रों ने दावा किया कि केंद्र की ओर से कोई निमंत्रण नहीं दिया गया था, जबकि इस तरह के कार्यक्रमों की यह समान परिपाटी रही है. उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार इसे अपमान मानती है, क्योंकि अन्य राज्यों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

वर्ष 2019 में केंद्र द्वारा शुरू की गयी योजना में देश के करीब 14 करोड़ किसानों को 6000 रुपये साल में तीन बराबर-बराबर किस्तों में मिलते हैं. यह राशि लाभार्थियों को प्रत्यक्ष नकद अंतरण के माध्यम से भेजी जाती है. ममता बनर्जी ने छह मई को भी मोदी को एक पत्र लिखकर उनसे केंद्रीय कृषि मंत्रालय से राज्य के किसानों को धन जारी करने का आग्रह किया था.

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किसानों को 18 हजार मिलने चाहिए थे – ममता बनर्जी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘आप सभी को 18,000 रुपये मिलने चाहिए थे, लेकिन आपको बेहद कम राशि मिली है. यह राशि भी आपको नहीं मिली होती, अगर हमने इसके लिए संघर्ष नहीं किया होता. आपको पूरी राशि मिलने तक हम लड़ाई जारी रखेंगे.’

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में यह योजना अब तक लागू नहीं थी, क्योंकि किसानों के आंकड़ों के सत्यापन सहित कई मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार में गतिरोध था. कृषक बंधु योजना के तहत एक या उससे अधिक एकड़ जमीन वाले किसानों को हर साल पांच हजार रुपये दिये जाते हैं.

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Posted By: Mithilesh Jha

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