कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तमाम आरोपों को चुनाव आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया है. आयोग ने कहा है कि ममता बनर्जी बेबुनियाद दावे कर रही हैं. ममता बनर्जी ने एक दिन पहले दावा किया था कि चुनाव आयोग के अधिकारी तृणमूल कार्यकर्ताओं को ‘तृणमूल के गुंडे’ कह रहे हैं और उन्हें गिरफ्तार करने संबंधी आदेश दे रहे हैं. ममता ने कहा था कि व्हाट्सऐप्प चैट उनके पास मौजूद हैं.
ममता बनर्जी के इस दावे पर चुनाव आयोग ने रविवार को सफाई दी. आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आयोग के अधिकारियों के संबंध में मुख्यमंत्री ने जो भी दावे किये हैं, वह पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. निराधार, गलत और भ्रामक आरोप सीएम लगा रही हैं. किसी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए किसी भी पर्यवेक्षक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी या आयोग के अधिकारी की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है.
ममता बनर्जी ने शनिवार को बीरभूम में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह भी कहा था कि वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जायेंगी. इस पर आयोग ने स्पष्ट किया कि आज तक ऐसा हुआ ही नहीं है कि किसी गैर-अपराधिक व्यक्ति के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई का आदेश आयोग ने दिया है और न्यायालय को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा.
आयोग ने यह भी साफ किया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव के संचालन के लिए उन सभी बदमाशों और हिस्ट्रीशीटरों की कड़ी निगरानी की आवश्यकता होती है, जो चुनाव को बाधित करने की क्षमता रखते हैं. कहा कि सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत निवारक कार्रवाई की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव बेरोकटोक चल सके.
चुनाव के समय अतीत में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वालों की सूची कानून का अनुपालन करने वाली एजेंसियों के पास उपलब्ध है और उनके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी है. आयोग ने स्पष्ट किया है कि जो भी मतदाताओं को डराने का काम करेंगे, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है और होगी.
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आयोग ने कहा कि डीईओ, पुलिस आयुक्त, एसपी, ऑब्जर्वर, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी यह सुनिश्चित करते हैं कि ऐसी सूचियों को समय पर संकलित किया जाये और निष्पक्ष तरीके से कार्य किया जाये. ऐसे ही मामलों में इन अपराधियों के खिलाफ पर्यवेक्षक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से ऐसे मामलों में कार्रवाई का निर्देश देते हैं.
Posted By : Mithilesh Jha