पश्चिम बंगाल में जगद्धात्री पूजा को लेकर तैयारियां जोरों पर है. चंदननगर नगर निगम के डिप्टी मेयर मुन्ना अग्रवाल ने बताया कि कुल छह जगद्धात्री पूजा के मंडप का उद्घाटन वर्चुअल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) शुक्रवार की शाम करेंगी. इनमें खालिसानी ब्राह्मण पाड़ा जगद्धात्री पूजा कमेटी, हाटखोला देवकपाड़ा जगद्धात्री पूजा कमिटी, उरदी बाजार सार्वजनिक जगद्धात्री पूजा कमिटी, बारासात बनर्जी पाड़ा मध्यांचल जगद्धात्री पूजा कमेटी, बोड़ो सार्वजनिक श्री श्री जगद्धात्री पूजा कमेटी और दिनेरमारडंगा तालपुकुर धार सार्वजनिक जगद्धात्री पूजा कमेटी शामिल है. चंदननगर के लिए यह गौरवशाली इतिहास बनने जा रही है. इसलिए इन पूजा मंडपों का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर हो रहा है. बिजली की सजावट भी उसी स्तर पर जारी है.
पिछले साल 15 लाख लोग जगद्धात्री पूजा की विसर्जन शोभायात्रा देखने के लिए चंदननगर आये थे. इस बार अनुमान है कि अगर मौसम ठीक रहा, तो पिछले सारे रिकार्ड टूट जायेंगे. फसल जिस वर्ष अच्छी होती है, उस वर्ष भीड़ भी बढ़ती है. इस बार राज्य में फसल अच्छी हुई है, इसलिए भीड़ बढ़ने की उम्मीद है. जगद्धात्री पूजा को लेकर चंदननगर सेंट्रल जगद्धात्री पूजा कमेटी के महासचिव शुभजीत साव ने बड़ाबाजार स्थित कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उनके साथ निमाई चंद्र दास, श्यामल कुमार घोष और जयदीप मुखर्जी भी उपस्थित थे. शुभजीत साव ने बताया कि कुल 177 पूजा कमेटियां सेंट्रल कमेटी में शामिल हैं. इनमें चंदननगर की सर्वाधिक 144, भद्रेश्वर की 24 और चांपदानी की 11 पूजा कमेटियां शामिल हैं. जगद्धात्री पूजा 18 नवंबर से यहां शुरू हो रही है. 23 नवंबर को विसर्जन शोभायात्रा निकाली जायेगी.
विसर्जन शोभायात्रा यहां सारी रात नौ किलोमीटर रास्ता में चक्कर लगाती है. इसे देखने के लिए दुनिया भर से लोग यहां आते हैं. इस बार 62 पूजा कमेटियां विसर्जन शोभायात्रा में भाग ले रही है. इन्हें 230 लॉरियों पर बिजली की सजावट के साथ चक्कर लगाने का प्रशासनिक अनुमति दी गयी. इस वर्ष जयंती वर्ष मनाने वाली पूजा कमेटियों में बोड़ो पंचाननतला (50), जगन्नाथ बाटी (25), खालिसानी (75), खालिसानी गड़ेरधार (60), कन्हाईलाल पल्ली (50) और तेलिनीपाड़ा बाबू बाजार सार्वजनिक जगद्धात्री पूजा (50) शामिल हैं. 23 नवंबर को 115 पूजा कमेटियों को निर्देश दिया गया है वे विसर्जन शोभायात्रा में भाग नहीं लेंगी. उन्हें उसी दिन विसर्जन कर करने का निर्देश दिया गया है, जिससे विसर्जन शोभायात्रा में कोई परेशानी न हो.
विसर्जन के लिए चंदननगर के आठ और भद्रेश्वर के नौ घाट तय किये गये हैं. इनके नाम विजेंद्र फेरी घाट, विशालक्ष्मी घाट, कचहरी घाट, नलिनी ईंट खोलाघाट, रामेश्वर घाट, रानी रासमणि घाट, शिव बाटी घाट, तेलीघाट, श्रीमानी घाट, तेलिनीपाड़ा फेरीघाट, शिवतला घाट, तटिनी घाट, इएसआइ घाट, गौरहाटी शिवतला घाट, श्यामसुंदर घाट, सदर घाट और अंगस क्वार्टर घाट हैं. आग से निबटने के लिए चार जगह पर दमकल की गाड़ियां मौजूद रहेंगी. डीजे बजाने पर पूरी तरह से रोक है. मिट्टी के बर्तन में भोग वितरण करने का निर्देश दिया गया है. पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी है.
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