कोलकाता में देश की पहली मेट्रो अक्तूबर 1984 में एसप्लानेड से नेताजी भवन तक चली था. अब देश में पहली बार नदी के नीचे मेट्रो चलाने का श्रेय भी कोलकाता को मिलने वाला है. मेट्रो रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने बताया कि नदी के नीचे से मेट्रो चलाने की तैयारी जोरों पर है. रविवार को हावड़ा मैदान से सियालदह मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन होगा
इन स्टेशनों के बीच 4.8 किमी तक छह कोच वाली दो रेकों का परिचालन किया जायेगा. बता दें कि एक साल पहले हुगली के पूर्वी तट पर स्थित एसप्लानेड और पश्चिमी तट पर स्थित हावड़ा मैदान के बीच 4.8 किमी लंबी सुरंग बनकर तैयार हो गया थी. लेकिन वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने से पहले केएमआरसी अधिकारियों को सियालदह और एसप्लानेड के बीच 2.5 किमी के खंड तक इंतजार करना पड़ा. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि रविवार को रेकों को हावड़ा मैदान ले जाया जायेगा.
सियालदह से एसप्लानेड तक बैटरी संचालित लोको ले जाया जायेगा. क्योंकि सुरंग में लाइटिंग का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है. बता दें कि 16.6 किमी पूर्व-पश्चिम मेट्रो कॉरिडोर या कोलकाता मेट्रो की ग्रीन लाइन, पूर्वी कोलकाता में सॉल्टलेक सेक्टर फाइव को सियालदह और एसप्लानेड के माध्यम से नदी पार स्थित हावड़ा मैदान से जोड़ती है. सॉल्टलेक सेक्टर फाइव और सियालदह के बीच का सेक्शन पहले से ही चालू है.
Also Read: शिक्षक भर्ती घोटाला: कुंतल घोष ने बनायी थी एसएससी व मध्य शिक्षा पर्षद की फर्जी वेबसाइट
जबकि अंडर-रिवर सेक्शन का निर्माण लगभग एक साल पहले पूरा हो गया था, लेकिन सियालदह-एस्प्लेनेड खंड में अगस्त 2019 के बाद से तीन प्रमुख धंसान के कारण देरी हो रही है. मेट्रो अधिकारियों को भरोसा है कि रविवार के ट्रायल रन के लिए दो रेकों को सॉल्टलेक डिपो से हावड़ा मैदान तक सियालदह और एसप्लानेड के बीच पूर्व की ओर जाने वाली सुरंग के माध्यम से ले जाया जा सकता है.