कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘देश बचाने’ के लिए दिल्ली पहुंच गयीं हैं. बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को बुरी तरह से पराजित करने और बंगाल में लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा रखती हैं. इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्रीय दलों के गठबंधन पर जोर दिया है.
ममता बनर्जी ने कहा है कि वर्ष 2024 के आम चुनाव की तैयारी अभी से शुरू करनी होगी. अगर अभी से तैयारी नहीं की, तो बहुत देर हो जायेगी. उन्होंने 21 जुलाई को कोलकाता से एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि शरद पवार और पी चिदंबरम लोगों को एकत्र करें. संसद सत्र के दौरान सभी दलों के बड़े नेता दिल्ली में हैं. मैं तीन दिन के लिए दिल्ली आ रही हूं. अगर आपलोग मीटिंग अरेंज कर सकते हैं, तो मैं उसमें शामिल होऊंगी.
कांग्रेस ने ममता बनर्जी के इस प्रस्ताव में दिलचस्पी दिखायी है. यही वजह है कि ममता की दिल्ली यात्रा से एक दिन पहले अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के ट्विटर हैंडल से एक संदेश जारी किया गया. ममता बनर्जी के भतीजे के फोटो के साथ जारी इस संदेश के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर हमला बोला गया. तृणमूल ने इसका स्वागत करते हुए कहा- खेला होबे. कांग्रेस के इस कदम का तृणमूल के नेताओं ने स्वागत किया, तो दिलीप घोष ने इस पर कटाक्ष किया.
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ममता बनर्जी का 26 जुलाई से दिल्ली दौरा शुरू हो रहा है. विधानसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी का यह पहला दिल्ली दौरा है. उनके इस दौरे को राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस दौरे के दौरान वह बीजेपी विरोधी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश करेंगी और एक फ्रंट बनाने की कवायद शुरू होगी.
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री 26 जुलाई को दोपहर तीन बजे कोलकाता से दिल्ली के लिए रवाना होंगी. वह 30 जुलाई को कोलकाता लौट आयेंगी. इसी दौरान उनकी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा विपक्षी नेताओं के साथ बैठक होगी. वह संसद भी जायेंगी, जहां कई नेताओं के साथ बैठकें कर सकती हैं.
प्रधानमंत्री मोदी से ममता बनर्जी की 28 जुलाई को मुलाकात होगी. इस मीटिंग में तृणमूल सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रदेश की बकाया राशि देने और कोरोना वैक्सीन का आवंटन बढ़ाने की भी मांग कर सकती हैं, बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ममता और पीएम मोदी की यह वन-टू-वन पहली मुलाकात होगी.
उल्लेखनीय है कि पेगासस मामले में ममता बनर्जी ने कड़ा रुख अख्तियार किया हुआ है. उन्होंने अपने फोन के कैमरे को टेप से ढंक दिया है. इस मुद्दे पर वह विपक्ष को एकजुट करने की दिशा में पहल कर सकती हैं. ममता बनर्जी ने पेगासस मामले को आपातकाल से बड़ा बताया है. दिल्ली रवाना होने से पहले ममता ने कैबिनेट की बैठक करके बंगाल में फोन टैपिंग की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज रहे जस्टिस मदन बी लोकुर और कलकत्ता हाइकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की अगुवाई में एक जांच आयोग के गठन का एलान कर दिया.
Posted By: Mithilesh Jha