कोलकाता/पोर्ट ब्लेयर. ‘मोचा’ चक्रवात के रविवार को बांग्लादेश तथा म्यांमार के तटीय इलाकों से टकराने के बाद पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों के तटीय इलाकों में आपदा मोचन बल के कर्मी अभी सतर्कता बरत रहे हैं. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. उनके अनुसार, गोताखोरों सहित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों के सात समूहों को पूर्व मेदिनीपुर जिले में दीघा-मंदारमणि तटीय क्षेत्र में तैनात किया गया है, क्योंकि समुद्र में तेज लहरें उठ रही हैं. इधर, राज्य आपदा प्रबंधन समूह के 100 से अधिक कर्मियों को दक्षिण 24 परगना जिले के बक्खाली समुद्र तट पर तैनात किया गया है, ताकि पर्यटकों और स्थानीय लोगों की आवाजाही पर नजर रखी जा सके. प्रशासन की ओर से स्थानीय लोगों को समुद्र के पास जाने से मना किया जा रहा है.
एनडीआरएफ टीम के सदस्य विकास साधु ने कहा कि उनकी ओर से पर्यटकों को समुद्र के पास जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जहां तेज लहरें उठ रही हैं. एनडीआरएफ की टीम समुद्र तट पर आवाजाही को नियंत्रित भी कर रही है. चक्रवात के बांग्लादेश तथा म्यांमार के तटीय इलाकों से टकराने के बाद अगले कुछ घंटों के लिए सतर्क रहने को कहा गया है. बंगाल के दोनों जिलों के तटीय इलाकों में तेज हवाएं चल रही हैं. समुद्र की लहरें भी उफान पर है.
दोनों जिलों में आपात स्थिति के दौरान तटीय क्षेत्रों के निवासियों को निकालने की व्यवस्था की गयी है. एनडीआरएफ के एक अन्य अधिकारी का कहना है कि मौसम कार्यालय ने अनुमान जताया था कि चक्रवात मोचा पश्चिम बंगाल से नहीं टकरायेगा, लेकिन कोई बदलाव होने की स्थिति में सभी एहतियाती कदम उठाये गये हैं. दक्षिण 24 परगना के पूर्व मेदिनीपुर के निचले तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया. इन क्षेत्रों में पर्याप्त राहत सामग्री भेजी गयी है. मछुआरों को शुक्रवार से लेकर तीन दिन तक समुद्र में न जाने को कहा गया है.
इस बीच, पोर्ट ब्लेयर से मिली खबर में कहा गया है कि चक्रवात मोचा ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में दस्तक नहीं दी, जहां आपदा के संभावित प्रभाव को कम करने के लिए पर्याप्त एहतियाती उपाय किये गये थे. आइएमडी कोलकाता में निदेशक (मौसम) जीके दास ने ने कहा कि चक्रवाती तूफान के कारण अंडमान-निकोबार द्वीप समूह ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ. द्वीप क्षेत्र में पिछले कुछ दिन से बारिश हुई है. हालांकि, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में पिछले कुछ दिन से जनजीवन अस्त-व्यस्त है, क्योंकि चक्रवात के मद्देनजर प्रशासन ने मछली पकड़ने, पर्यटन और मुख्य भूमि से जहाजों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.