कोलकाताः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में लौटने वाले मुकुल रॉय की विधानसभा की सदस्यता खत्म करने के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर की कोर्ट में 4 मिनट में सुनवाई खत्म हो गयी. भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि पार्टी इस मुद्दे पर हाइकोर्ट जायेगी.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर कृष्णनगर उत्तर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने मुकुल रॉय चुनाव परिणाम आने के बाद कुछ दिनों बाद ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में लौट गये थे. इसके बाद ही भाजपा ने दलबदल विरोधी कानून के तहत मुकुल रॉय की सदस्यता खारिज करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी के पास 64 पेजों की याचिका दायर की थी.
इस याचिका पर शुक्रवार (16 जुलाई) को विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी की कोर्ट में प्रथम सुनवाई हुई. इसमें भाजपा विधायक व बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुकुल रॉय की सदस्यता खारिज करने के पक्ष में अपने विचार रखे. उन्होंने मुकुल के खिलाफ सबूत के रूप में कुछ ऑडियो व वीडियो भी पेश किये. इसमें दिखाया गया है कि मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की बात स्वीकारी है.
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स्पीकर की कोर्ट में पहले दिन की सुनवाई महज चार मिनट में खत्म हो गयी. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने अगली सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तारीख मुकर्रर कर दी. सुनवाई के बाद नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने संवाददाताओं से बातचीत में संकेत दिये कि विधानसभा अध्यक्ष की सुनवाई पर उनको भरोसा नहीं है. इसलिए भाजपा अब मुकुल रॉय की सदस्यता खारिज कराने के लिए कलकत्ता अदालत का दरवाजा खटखटायेगी.
गौरतलब है कि शुक्रवार को सुनवाई के दिन शुभेंदु अधिकारी के साथ भाजपा के और दो विधायक अंबिका राय और सुदीप मुखर्जी भी मौजूद थे. शुभेंदु अधिकारी ने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में राज्य में कई विधायकों ने पार्टी बदला है. लेकिन, किसी भी मामले की सुनवाई अब तक पूरी नहीं हुई है.
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि वाम मोर्चा ने विधायक दीपाली विश्वास के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की मांग करते हुए विधानसभा में याचिका दायर की थी, जिस पर 23 बार सुनवाई हुई, लेकिन कोई परिणाम सामने नहीं आया और विधानसभा चुनाव भी हो गया. इसलिए हमें इस प्रकार की व्यवस्था पर विश्वास नहीं है. हम अब अदालत का रुख करेंगे.
श्री अधिकारी ने कहा कि भाजपा मुख्य रूप से दो मुद्दों को लेकर अदालत का रुख करेगी. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भी दलबदल विरोधी कानून को लागू करने की मांग की जायेगी और इसके लिए वह अदालत में सबूत भी रखेंगे कि किस प्रकार यहां दलबदल हो रहा है और विधानसभा अध्यक्ष कोई कार्रवाई नहीं कर रहे. इसके साथ ही विधानसभा में सुनवाई खत्म करने के लिए समय सीमा तय करने की मांग भी अदालत में की जायेगी.
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Posted By: Mithilesh Jha