कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय में नारद स्टिंग मामले में सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किये गये तृणमूल नेताओं को दी गयी जमानत के खिलाफ सीबीआइ द्वारा दायर मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी. गुरुवार को अपरिहार्य कारणों से सुनवाई टाल दी गयी थी.
कलकत्ता हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ जमानत अर्जियों को विशेष सीबीआई अदालत से उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के आवेदन पर सुनवाई कर रही है.
सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक को भी पक्ष बनाया गया है. कलकत्ता हाइकोर्ट की वेबसाइट पर जारी एक नोटिस में बताया गया कि अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण प्रथम खंडपीठ गुरुवार को सुनवाई नहीं करेगी.
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इससे पहले हाइकोर्ट ने राज्य के मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, तृणमूल विधायक मदन मित्रा एवं कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को सीबीआई अदालत से मिली जमानत पर सोमवार रात को रोक लगा दी थी. चारों को सीबीआई ने नारद स्टिंग मामले में सोमवार को सुबह-सुबह गिरफ्तार किया था.
सीबीआई ने इस मामले में 53 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद हाइकोर्ट की खंडपीठ ने बुधवार को करीब ढाई घंटे तक सुनवाई करने के बाद एक दिन के लिए सुनवाई स्थगित कर दी थी.
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की खंडपीठ में मामले की सुनवाई टलने के बाद विधायक मदन मित्रा के वकील नीलाद्रि भट्टाचार्य ने सुनवाई किसी और डिवीजन बेंच में स्थानांतरित करने के लिए आवेदन किया. मदन मित्रा के वकील की ओर से हाइकोर्ट के सचिवालय व राज्य के महाधिवक्ता को ई-मेल के माध्यम से पत्र देकर मामले की सुनवाई जल्द से जल्द कराने का आवेदन किया गया.
किसी भी मामले को अन्य बेंच में ट्रांसफर करने का अधिकार भी मुख्य न्यायाधीश के पास होता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाइकोर्ट सचिवालय ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश से संपर्क किया तो उन्होंने मामला ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया.
जानकारी के अनुसार, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन मुकर्रर कर दिया. शुक्रवार सुबह कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में मामले की सुनवाई होगी और उसी समय तय होगा कि चार नेताओं को बेल मिलेगी या उन्हें अभी और जेल में रहना होगा.
Posted By: Mithilesh Jha