पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान कलकता हाइकोर्ट ने सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था. लेकिन हकीकत में ऐसा देखने को नहीं मिला. शनिवार को मतदान शुरू होने के बाद पता चला कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में बूथ पर कोई सेन्ट्रल फोर्स नहीं है. हावड़ा, उत्तर 24 परगना, बांकुड़ा, पूर्वी मेदिनीपुर समेत कई जिलों के कई मतदान केंद्रों से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं. हालांकि, आयोग ने अभी तक इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं दी है.
शुक्रवार की रात बीएसएफ आईजी ने राज्य चुनाव आयोग को लिखित रूप से सूचित किया था कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र पर चार जवानों (आधा सेक्शन) को तैनात करेंगे. उस लिहाज से राज्य के कुल 44,382 मतदान केंद्रों पर 1 लाख 78 हजार केंद्रीय बल के जवानों की जरूरत है. अगर हम हर मतदान केंद्र पर दो-दो सदस्य रखना चाहें तो भी हमें 88 हजार से ज्यादा की जरूरत पड़ेगी. शुक्रवार रात तक राज्य में सैनिकों की करीब 600 कंपनियां आ गईं है. यानी 200 से ज्यादा सैनिक और आने थे. इसके बाद शनिवार दोपहर 12 बजे से कुछ देर पहले आयोग के सूत्र ने बताया कि राज्य में अब तक केंद्रीय बलों की कुल 650 कंपनियां आ चुकी हैं.
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केंद्रीय बलों की कुल 650 कंपनियां आ चुकी हैं लेकिन हावड़ा के कई बूथों पर केंद्रीय बल नजर नहीं आये. डोमजूड़ ब्लॉक के महियादी-2 पंचायत के तीन बूथों वाले मतदान केंद्र किबरिया गाजी हाई स्कूल पर केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं किए जाने से स्थानीय लोगों का एक वर्ग नाराज है. उनका दावा है कि सुरक्षा क्षेत्र केंद्रीय बलों के बजाय राज्य पुलिस के साथ बनाया गया है. राज्य पुलिस के दो बंदूक कांस्टेबल और तीन नागरिक स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है. उत्तर 24 परगना के गोबरडांगा स्थित बेरगुम-1 पंचायत के झंझनिया एफपी स्कूल के बूथ संख्या 180 और 181 पर केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं होने की शिकायत मिली है. पूर्वी मेदिनीपुर में कई जगहों पर केन्द्रीय बल की तैनाती नहीं की गई है.
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