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लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बंगाल में पंचायत चुनाव ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के लिए अहम ‘परीक्षा’

West Bengal Panchayat Elections l तृणमूल नेता गत रॉय ने कहा कि निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है. पार्टी नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं को बता दिया है कि यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों. हमारे नेता अभिषेक बनर्जी बार-बार यह कहते रहे हैं.

भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में उतरने जा रही है, जिसे वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए एक अहम ‘परीक्षा’ माना जा रहा है. टीएमसी नेतृत्व का मानना है कि लोकसभा और ग्रामसभा चुनावों का असर अलग-अलग हो सकता है. हालांकि, राज्य की अधिक से अधिक संसदीय सीट हासिल करने के लिए बंगाल के ग्रामीण इलाकों में जीत दर्ज करना ‘महत्वपूर्ण’ है.

8 जुलाई को है बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव

राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 8 जुलाई को हैं, जिसमें लगभग 5.67 करोड़ मतदाता शामिल हैं, जो जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों की लगभग 74,000 सीट के लिए प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए मताधिकार का प्रयोग करेंगे. टीएमसी के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने कहा कि पंचायत चुनावों की व्यापकता को देखते हुए, यह न केवल हमारे खिलाफ बेबुनियाद बातों की पृष्ठभूमि में जन समर्थन की परीक्षा होगी, बल्कि बंगाल में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एक कसौटी भी होगी.

अहम दौर से गुजर रही है तृणमूल कांग्रेस : सौगत रॉय

बंगाल की 42 लोकसभा सीट में से अधिकांश ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण क्षेत्र पंचायतों द्वारा प्रशासित हैं. ऐसे में, इन सीट पर जीत दर्ज करने वाला दल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी पर भारी पड़ सकता है. श्री रॉय ने कहा कि हमारी पार्टी एक अहम दौर से गुजर रही है. चूंकि पंचायत चुनाव पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़े जाते हैं, इसलिए इससे संबंधित दलों के प्रभाव और कमजोरी का अंदाजा लगाया जा सकता है.

ये है तृणमूल कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती

टीएमसी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करना है, ताकि वर्ष 2018 के पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा जैसी स्थिति दोबारा नहीं हो. 5 साल पहले हुए ग्रामीण चुनावों में, टीएमसी ने 90 फीसदी पंचायत सीट और जिला परिषदों की सभी 22 सीट पर जीत दर्ज की थी. हालांकि, ये चुनाव व्यापक हिंसा और कथित कदाचार से प्रभावित थे और तब विपक्ष ने आरोप लगाया था कि उन्हें राज्यभर में कई सीट पर नामांकन दाखिल करने से रोका गया.

चुनाव आयोग को सुनिश्चित करना है स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव : सौगत रॉय

सौगत रॉय ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है. पार्टी नेतृत्व ने जमीनी कार्यकर्ताओं को पहले ही बता दिया है कि यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों. हमारे नेता अभिषेक बनर्जी बार-बार यह कहते रहे हैं.

आलाकमान के निर्देशों को जमीनी स्तर पर लागू करें : सुदीप बंद्योपाध्याय

लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि स्थानीय नेताओं को पार्टी आलाकमान के निर्देशों को जमीनी स्तर पर लागू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव और उनके परिणाम लोकसभा चुनाव को प्रभावित करते हैं. भले ही हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा किये गये विकास कार्यों के आधार पर पंचायत चुनाव जीतने के लिए आश्वस्त हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि परिणामों के माध्यम से जनादेश और राय परिलक्षित हो.

पंचायत चुनाव अभिषेक बनर्जी के जनसंपर्क अभियान की भी परीक्षा

तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि पंचायत चुनाव टीएमसी के जनसंपर्क अभियान ‘तृणमूल-ए-नबोजोवार’ (तृणमूल में नयी लहर) की सफलता का भी परीक्षण होगा, जिसका नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी कर रहे हैं. अभियान का उद्देश्य लोगों से उनके पसंदीदा उम्मीदवारों पर प्रतिक्रिया मांगना है, जिन्हें पार्टी चुनावी मैदान में उतारेगी.

सत्तारूढ़ दल के कई मंत्री, नेता जेल में

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के अनुसार, पंचायत चुनाव ऐसे समय में होंगे, जब उसके कई वरिष्ठ नेता भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं, जिनकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है.

सुखेंदु शेखर बोले – बदले की भावना से टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के उपनेता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप ‘पार्टी के जनसमर्थन को नुकसान नहीं पहुंचा पायेंगे.’ उन्होंने दावा किया कि भाजपा द्वारा बदले की भावना के चलते टीएमसी नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया है, लेकिन इस तरह पार्टी को वर्ष 2024 में बंगाल से अधिकतम सीटें जीतने से नहीं रोका जा सकता.

तृणमूल का रवैया ‘सभी को अपने पाले में करो’ : दिलीप घोष

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी की ‘किसी भी तरह से सभी को अपने पाले में करो’ के रवैये ने बंगाल में स्थानीय निकाय चुनावों को ‘तमाशे’ में बदल दिया है. श्री घोष ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने नामांकन दाखिल करने के लिए सिर्फ 7 दिन का समय दिया है, जो टीएमसी की मदद करने के लिए है.

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तृणमूल खुद को ‘अजेय’ साबित करने में लगी : अधीर रंजन

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर चौधरी ने आरोप लगाया कि टीएमसी नेतृत्व यह संदेश भेजने की कोशिश करने में लगा है कि वह बंगाल में ‘अजेय’ है. इसीलिए या तो वह ऐसी स्थिति बनाना चाहता है, जहां विपक्षी दल नामांकन दाखिल करने में असमर्थ हों या उन्हें बल प्रयोग के जरिये ऐसा करने ही न दिया जाये.

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