पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका की सुनवाई कलकत्ता हाईकोर्ट में टल गई है. न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की पीठ बुधवार सुबह ईडी बनाम पार्थ मामले की सुनवाई करने वाली थी. तय समय पर मामले की सुनवाई भी हुई. लेकिन सुनवाई शुरू होने से पहले ही मामले की तारीख टल गई. कोर्ट ने बताया कि पूर्व शिक्षा मंत्री की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट बुधवार को नहीं बल्कि अगले महीने में सुनवाई होने की संभावना है.
बंगाल में दुर्गा पूजा 19 अक्टूबर का है और उससे पांच दिन पहले पार्थ के जमानत मामले की सुनवाई होगी. राज्य के पूर्व मंत्री ने पिछले साल भी दुर्गा पूजा जेल में ही बिताया था. ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि क्या वह एक और पूजा जेल में बिताने वाले हैं या फिर उन्हें जमानत मिलने वाली है.
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पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को शिक्षकों भर्ती भ्रष्टाचार के आरोप में जुलाई 2022 में ईडी ने गिरफ्तार किया था. 23 जुलाई की रात को अपनी गिरफ्तारी के 13 महीने बाद पार्थ ने जमानत के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. लेकिन ईडी ने जमानत याचिका का विरोध किया और हाईकोर्ट में जवाबी अपील दायर की. बुधवार को जस्टिस घोष की अदालत में उस मामले की सुनवाई हुई. मामला सुनवाई के लिए आने के बाद ईडी ने जज के पास सुनवाई की तारीख टालने के लिए आवेदन किया. कोर्ट ने उस अर्जी का जवाब भी दिया. जज ने कहा कि पार्थ के जमानत मामले की सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी.
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पार्थ फिलहाल प्रेसीडेंसी जेल में हैं. निचली अदालत उनके खिलाफ ईडी और सीबीआई द्वारा दायर आरोपों पर भी सुनवाई कर रही है. पार्थ पहले भी कई बार जमानत के लिए अर्जी लगा चुके हैं. हाल ही में पार्थ की ओर से पूछताछ के लिए ईडी के एक पूर्व वकील दिल्ली से आए थे. पार्थ ने दावा किया कि उनको मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. उनका भ्रष्टाचार से कोई लेना-देना नहीं है. इसलिए उसे जमानत दी जाए. पार्थ ने इसी दलील के साथ हाईकोर्ट में केस दायर किया. न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की पीठ ने राज्य विधायक माणिक भट्टाचार्य की पत्नी शतरूपा भट्टाचार्य को जमानत दे दी जिन्हें हाल ही में भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया था. भर्ती मामले में वह पहली जमानत थी. इसके बाद से भर्ती मामले के आरोपी जमानत की आस लगाए बैठे हैं. जस्टिस घोष की बेंच के सामने भी कई मामले दायर किये गये हैं
राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में हुई नियुक्तियों के घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार प्रसन्न राय और सुब्रत सामंत की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ी. अलीपुर अदालत स्थित स्पेशल सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया गया, जहां दोनों के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने मुवक्किलों की जमानत का आवेदन किया, जिसका विरोध केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिवक्ता की ओर से किया गया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को 20 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में रखे जाने का निर्देश दिया है.
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