Bengal election 2021 : बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहे चुनाव आयोग ने इंडियन सेकुलर फ्रंट के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की टेंशन बढ़ा दी है. दरअसल, पीरजादा की पार्टी आईएसएफ को चुनाव आयोग ने मान्यता नहीं दी है. अब आईएसएफ के बैनर तले पीराजाद के कैंडिडेट चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
जानकारी के अनुसार मतदान की तिथि करीब आते ही संयुक्त मोर्चा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. ताजा उदाहरण है अब्बास सिद्दिकी (Abbas Siddiqui) की पार्टी आइएसएफ को अब तक चुनाव आयोग से मान्यता नहीं मिलना. ऐसे में भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आइएसएफ) के उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न भी आवंटित नहीं होगा, क्योंकि अब्बास की पार्टी को अभी तक राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता नहीं मिली है. ऐसे में इवीएम पर फुरफुरा शरीफ (Furfura Sharif) के पीरजादा की पार्टी का कोई नाम और प्रतीक नहीं होगा.
सूत्रों के अनुसार आइएसएफ के उम्मीदवार अब बिहार की क्षेत्रीय पार्टी धर्मनिरपेक्ष मजलिस के नाम पर चुनाव लड़ेंगे. विगत 21 फरवरी को अब्बास सिद्दिकी ने प्रेस क्लब में एक नयी पार्टी बनाने की घोषणा की थी. लेकिन चुनाव आयोग (Election Commission) ने अभी तक भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा को एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता नहीं दी है, इसलिए उन्होंने बिहार की पार्टी भारतीय धर्मनिरपेक्ष मजलिस के नाम पर उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है. भारतीय धर्मनिरपेक्ष मजलिश का चुनाव चिह्न लिफाफा होगा
27 मार्च को है मतदान- बंगाल में विधानसभा चुनाव का पहले चरण का मतदान 27 मार्च को है. इस चरण में झारग्राम, बांकुड़ा और पुरुलिया जैसे जिलों में वोटिंग होगा. पीरजादा की पार्टी बंगाल चुनाव में 26 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
Posted By : Avinish kumar mishra