कोलकाताः बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा के मुद्दे पर ममता बनर्जी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बंगाल में 2 मई 2021 को विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद हुई हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट हािकोर्ट को सौंप दी. टीम ने हाइकोर्ट के निर्देश पर ही जांच की है.
प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर हिंसा की जांच करने वाली मानवाधिकार आयोग की टीम के सदस्यों पर एक दिन पहले मंगलवार (29 जून) को ही कोलकाता के जादवपुर में हमला हुआ था. उसके बाद बुधवार को आयोग की ओर से उच्च न्यायालय में इसकी रिपोर्ट जमा करा दी गयी है.
ममता बननर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार की आपत्तियों के बावजूद कलकत्ता हाइकोर्ट ने चुनाव बाद हिंसा की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को टीम बनाने के लिए कहा था. साथ ही कहा था कि टीम हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करके पूरे मामले की जांच करके इसकी रिपोर्ट कोर्ट को दे.
कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष अरुण मिश्रा ने एक कमेटी का गठन कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने बंगाल के इन तमाम इलाकों का दौरा किया. करीब एक सप्ताह तक पूरे राज्य में घूम-घूमकर हिंसा पीड़ित लोगों के बयान दर्ज किये.
पीड़ितों के बयान के आधार पर ही मानवाधिकार आयोग की टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है. टीम का दावा है कि इसमें बंगाल में चुनाव बाद व्यापक हिंसा का जिक्र किया गया है और यह भी बताया गया है कि सारी घटनाएं पूर्व नियोजित थीं. माना जा रहा है कि इससे ममता सरकार की मुश्किल बढ़ सकती हैं.
Posted By: Mithilesh Jha