बीरभूम: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के रामपुरहाट एक ब्लॉक के जिस बागटुई गांव में नरसंहार हुआ था, उसके पीड़ित परिवारों के 10 सदस्यों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र दिया गया. ये नियुक्ति पत्र सोमवार को मुख्यमंत्री ने सौंपे.
10 लोगों को दी गयी सरकारी नौकरी
इस बाबत बीरभूम जिला अधिकारी को उन्होंने निर्देश दिया है कि किसी भी परिवार को किसी तरह की कोई असुविधा नहीं हो, इसका ख्याल रखा जाये. मुख्यमंत्री के बागटुई दौरे के बाद 10 दिन में ही मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंप दिया.
सीएम ने सचिवालय में की प्रेस कॉन्फ्रेंस
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दोपहर में राज्य सचिवालय नबान्न में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. वहां से उन्होंने वर्चुअली बागटुई में पीड़ितों के परिवारों को नियुक्ति पत्र सौंपा. मिहिलाल शेख, हसीनारा खातून, सबीना बीबी समेत कुल 10 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया.
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ममता बनर्जी ने जिलाधिकारी को दिये ये निर्देश
नियुक्ति पत्र देने के बाद जिलाधिकारी को नौकरी पाने वालों की मदद करने का सीएम ने निर्देश दिये. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बागटुई में नरसंहार की रात आग के कारण कई पीड़ितों के सारे दस्तावेज नष्ट हो गये. जिलाधिकारी को उनकी मदद करनी होगी, ताकि पीड़ितों के सारे दस्तावेज जल्द से जल्द बन जायें.
सीएम ने कहा- दिक्कत हो तो डीएम से संपर्क करें
मुख्यमंत्री ने नौकरी पाने वालों से कहा कि यदि किसी भी तरह की कोई समस्या आती है, तो वे जिला अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं. इस बाबत सीएम ने बीरभूम के जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया है. इस संबंध में किसी भी तरह की परेशानी होने पर नियोक्ता की मदद करें.
पीड़ित परिवारों को दी आर्थिक मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग उस आगजनी में मारे गये, उनको वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन उनका परिवार सिर उठाकर जी सके, उसके लिए आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी भी जरूरी है. जीवित रहने के लिए सभी को आगे बढ़ना होगा.
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरा किया वादा
बता दें कि 21 मार्च 2022 की रात बागटुई गांव में तृणमूल नेता भादू शेख की बम मारकर हत्या के 10 घरों को फूंक दिया गया था, जिसमें 9 लोग जिंदा जल गये थे. घटना के तीन दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गांव पहुंचीं. उन्होंने पीड़ितों से बात की और तत्काल घर बनाने के लिए सभी को 2-2 लाख रुपये और 5 लाख की आर्थिक मदद दी. ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा किया है.
रिपोर्ट- मुकेश तिवारी