भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे लोकप्रिय कलाकारों में से एक उस्ताद राशिद खान (Rashid Khan) का निधन हो गया है. उनकी उम्र लगभग 55 साल थी. वे काफी लंबे वक्त से कैंसर से जूझ रहे थे. वे कोलकाता के एक अस्पताल में एडमिट थे. कलाकार को दक्षिण कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां मंगलवार दोपहर 3:45 बजे उनका निधन हो गया. उनके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है. उनके निधन की जानकारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शेयर की है. राशिद खान वे हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक का बड़ा नाम थे और बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी उन्होंने अपना योगदान दिया है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार दोपहर अस्पताल पहुंचीं थी. उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरे देश और पूरे संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है. मुझे बेहद दुख है, क्योंकि मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि राशिद खान अब नहीं रहे. राशिद ने बंगाल से प्यार किया और बंगाल में ही रहे. वह संगीत को बढ़ावा देने के लिए दुनिया के सभी हिस्सों में गए.
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उस्ताद राशिद खान ने ‘माई नेम इज खान’, ‘कादम्बरी’, ‘मंटो’ और ‘मितिन माशी’ के लिए गीत गाए हैं. बॉलीवुड फिल्म ‘जब वी मेट’ के लिए उस्ताद के गाए गीत ‘आओगे जब साजना…’ को आज भी लोग काफी पसंद करते हैं. उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्मे राशिद खान ने महज 11 साल की उम्र में संगीत की दुनिया में कदम रख दिया था. मुख्य रूप से शास्त्रीय संगीत के लिए पहचाने जाने वाले राशिद खान के फ्यूजन और फिल्मी गीतों को भी काफी पसंद किया गया. उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले तक बीमारी के बावजूद सुबह चार बजे संगीत के रियाज के उनके रूटीन में कोई बदलाव नहीं आया था
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