पश्चिम बंगाल भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा कि 22 जनवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (
Chief Minister Mamata Banerjee) की सद्भावना रैली में कोई हिंदू शामिल नहीं होगा. कुछ तत्व ऐसे हैं, जो वहां जायेंगे. उन्होंने कहा कि राम के खिलाफ तृणमूल रैली निकाल रही है. सद्भावना रैली निकालने से पहले तृणमूल को अपने भीतर सद्भावना लाना होगा. सद्भावना रैली के नाम पर हिंदू विरोधियों को एकजुट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिसके शरीर में हिंदू का खून है, शायद वह रैली में नहीं जायेगा. जो अपराधी है, तृणमूल की शरण में है, ऐसे लोग ही रैली में जायेंगे. उन्होंने कहा कि सीएए संसद से पास होने के बाद जिन लोगों ने ट्रेनों व बसों में आग लगायी, रेल लाइन तोड़ दिये, ऐसे कुछ देशद्रोही किस्म के लोग रैली में दिखेंगे.
वहीं, तृणमूल की रैली पर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों का वोट कट रहा है. यह देख ममता बनर्जी राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द्र नष्ट कर रही हैं. वह आग लगाने की कोशिश कर रही हैं. दूसरी ओर, इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दिकी ने कहा कि तृणमूल जुलूस के नाम पर लोगों को उकसाने का प्रयास कर रही है. वहीं, भाजपा इसे लेकर राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक व धर्मनिरपेक्ष लोग उनके बहकावे में नहीं आयेंगे.
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भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर 22 जनवरी को अवकाश घोषित करने का आग्रह किया जिससे लोग अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मना सकें. मैंने हमारी माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अनुरोध किया है कि कृपया 22 जनवरी 2024 को स्कूल की छुट्टी घोषित करने पर विचार करें जिससे पश्चिम बंगाल के युवा अयोध्या के राम मंदिर में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आनंद उठा सकें.