पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित नारद स्टिंग ऑपरेशन केस में सीएम ममता बनर्जी की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया. अब, इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 25 जून को होगी.
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को दूसरी पीठ को लिस्ट करने का आदेश दिया. ममता बनर्जी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी. याचिका में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी. कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश में पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री मलय मलय घटक को हलफनामा दाखिल करने से मना किया गया था.
Supreme Court today said that it would take on June 25 (Friday) hearing on the petition filed by West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee (File photo) in Narada case. pic.twitter.com/okcyci2IAW
— ANI (@ANI) June 22, 2021
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दरअसल, नारद स्टिंग ऑपरेशन केस में सीबीआई ने जांच के दौरान टीएमसी के चार नेताओं को गिरफ्तार किया था. इस मामले में न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की पीठ सीएम ममता बनर्जी, मलय घटक और बंगाल सरकार की अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली थी. न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस ने खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया था
दरअसल, नारद स्टिंग केस मे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो मलय घटक की याचिका पर 22 जून को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को कलकत्ता उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि वो राज्य सरकार और मलय घटक की याचिका पर विचार करने के एक दिन बाद मामले की सुनवाई करे. लेकिन, कलकत्ता उच्च न्यायालय में केस में हलफनामा दायर करने की इजाजत देने से मना कर दिया था. इस फैसले के बाद सीएम ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी.
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पश्चिम बंगाल में साल 2016 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज थी. इसको लेकर सारी राजनीतिक पार्टियों की सत्ता पाने की कोशिशों के बीच नारद स्टिंग ऑपरेशन पब्लिक डोमेन में आ गया था. इसके बाद कोलकाता से लेकर दिल्ली तक सियासी भूचाल आ गया. नारद स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम देने वाले शख्स का नाम मैथ्यू सैमुअल था. स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए मैथ्यु सैमुअल ने नारद न्यूज पोर्टल बनाया था. यह मामला कलकत्ता हाईकोर्ट भी पहुंचा था, जहां से साल 2017 में सीबीआई जांच का आदेश दिया गया. इस मामले में टीएमसी सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी की सीबीआई गिरफ्तारी पर हंगामा मचा था. इस मामले में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी का नाम भी आया था. उन तक सीबीआई जांच की आंच नहीं पहुंच सकी.