कोलकाता : शिक्षक नियुक्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पहले ही तृणमूल विधायक और प्राथमिक शिक्षा पर्षद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर चुकी है. वह फिलहाल इडी की हिरासत में हैं. इडी का दावा है कि माणिक के प्राथमिक शिक्षा पर्षद का अध्यक्ष रहते करीब 58 हजार नियुक्तियां हुईं हैं. अब तक करीब 273 नियुक्तियां अवैध तरीके से होने के आरोप लग चुके हैं. माणिक वर्ष 2011 से पर्षद के अध्यक्ष थे.
घोटाला सामने आने के बाद इस वर्ष कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर उन्हें उक्त पद से हटा दिया गया. बताया जा रहा है कि इडी इस घोटाले में अवैध तरीके से नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों और घोटाले से प्राप्त राशि के लाभार्थियों की एक सूची तैयार करने में जुटी है. साथ ही घोटाले में मध्यस्थता की भूमिका अदा करने वाले तमाम शख्स की जानकारी भी जुटायी जा रही है. यह बात सामने आ रही है कि इडी ने माणिक से जुड़े ऐसे लोगों को चिह्नित किया है, जिनकी घोटाले में बिचौलिए की भूमिका रही होगी.
बताया जा रहा है कि इडी की जांच के दायरे में माणिक भट्टाचार्य के फोन के कॉल डिटेल्स और मैसेज भी हैं. आरोप है कि माणिक का घोटाले को लेकर कई लोगों से बातचीत हुई है. कुछ मैसेज के आदान-प्रदान भी हुए थे, जिन्हें डिलीट कर दिया गया. केंद्रीय जांच एजेंसी डिलीट मैजेस की जानकारी वापस प्राप्त करने करने के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट की भी मदद ले रही है. गौरतलब है कि वर्ष 2014 में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) हुई थी. उसमें उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की पहली मेधा-सूची जारी होने के बाद रद्द कर दी गयी. फिर दूसरी मेधा-सूची जारी की गयी. इसके बाद ही आरोप लगने लगे कि दूसरी मेधा-सूची में उन लोगों को शामिल किया गया है, जिन्होंने रिश्वत देकर नौकरी पायी है.
इडी कोर्ट में पहले ही यह दावा कर चुकी है कि माणिक घोटाले में शामिल प्रमुख आरोपियों में से एक हैं. घोटाले को लेकर इडी अधिकारी उनसे कई सवालों के जवाब हासिल करना चाहती है, लेकिन माणिक पर अब भी आरोप लग रहा है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. वह बार-बार खुद के अस्वस्थ होने की बात कह रहे हैं. बताया जा रहा है कि बुधवार के बाद गुरुवार को भी उनकी मेडिकल जांच करायी गयी थी.
हालांकि, इस दिन भी इडी अधिकारियों ने विधायक माणिक से मैराथन पूछताछ की. उनसे उनके आवास से मिले उन दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों के बारे में जानने की कोशिश की गयी, जो संभवत: घोटाले से संबंधित हैं. सूत्रों के अनुसार, माणिक से इस मामले में गिरफ्तार व घोटाले में बिचौलिये की भूमिका निभाने के आरोपी प्रसन्न राय और प्रदीप सिंह से उनके संबंध के बारे में जानने की कोशिश की गयी, लेकिन उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. प्रसन्न राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की भांजी के पति हैं.
प्रसन्न का भी साॅल्टलेक के महिषबथान इलाके में आवास है, जहां माणिक का कार्यालय है. आरोप है कि उक्त ‘प्राइमरी टेट इंस्टीट्यूट’ नामक उक्त कार्यालय से ही घोटाले से संबंधित लेन-देन हुआ और प्रसन्न का भी वहां आना-जाना था. हालांकि, इधर, उनसे उनके बेटे शौभिक के संस्थान के बैंक खातों में करीब 2.64 करोड़ की राशि के बारे में भी पूछताछ की गयी कि उसके स्रोत क्या हैं? इस राशि का घोटाले से कोई संबंध तो नहीं?
माणिक भट्टाचार्य पर अपने परिजन ही नहीं, बल्कि अज्ञात लोगों के नाम पर भी बैंक खाते खोल कर रखने का आरोप है. आशंका जतायी जा रही है कि शिक्षकों की नियुक्ति से प्राप्त कालेधन को सफेद करने में उक्त खातों का इस्तेमाल किया गया होगा. इन खातों को लेकर भी केंद्रीय जांच एजेंसी ने माणिक से जानकारी हासिल करने की कोशिश की, हालांकि, पूछताछ को लेकर इडी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से इंकार किया गया है.