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शिक्षक भर्ती घोटाला: आठ मई तक पुलिस हिरासत में भेजे गये पार्थ चटर्जी सहित अन्य आरोपी

सीबीआइ इस मामले की गहरायी से जांच कर पूरे रैकेट तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. इस घोटाले की जड़े काफी गहरी हैं. पार्थ चटर्जी इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर जुड़े हैं.

शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद सोमवार को अलीपुर की सीबीआइ अदालत में पेश किया गया. कोर्ट में बिना अंगूठी और सोने की चेन के दिखे पार्थ ने सीबीआइ की जांच पर बड़ा आरोप लगाया. दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पार्थ समेत सभी आरोपियों को आठ मई तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.

पूरे रैकेट तक पहुंचने का किया जा रहा प्रयास : सीबीआइ

कोर्ट में सीबीआइ के वकील ने कहा, सीबीआइ इस मामले की गहरायी से जांच कर पूरे रैकेट तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. इस घोटाले की जड़े काफी गहरी हैं. पार्थ चटर्जी इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर जुड़े हैं. केस डायरी देखेंगे, तो सारी उलझन स्पष्ट हो जायेगी. और भी कई प्रभावशाली इस घोटाले से जुड़े हैं. आगे उनका भी नाम स्पष्ट हो जायेगा. उनसे भी पूछताछ की तैयारी चल रही है. कई एजेंटों से पूछताछ की गयी. और भी कुछ एजेंटों से पूछताछ होगी. पूछताछ में आये दिन नयी-नयी जानकारी मिल रही हैं. अंतिम छोर तक पहुंचने में थोड़ा और समय लगेगा. इस कारण एक भी आरोपी को जमानत न दी जाये.

गिरफ्तार प्रमोटर अयन के और आठ फ्लैटों की मिली जानकारी

शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार प्रमोटर अयन शील के नाम पर और आठ फ्लैट होने की जानकारी इडी को मिली है. गत एक सप्ताह में इन फ्लैटों का पता चला है. अब-तक अयन के नाम पर कुल 16 फ्लैट होने की जानकारी सामने आयी है. इडी का मानना है कि अयन ने प्रभावशाली लोगों की छत्रछाया में यह संपत्तियां बनायी हैं. इडी सूत्रों के अनुसार, जिन नये फ्लैटों के बारे में जानकारी मिली है, वे हुगली में विभिन्न रिश्तेदारों के नाम पर खरीदे गये हैं. साथ ही वह श्वेता चक्रवर्ती के बैंक खाते और उनकी कंपनी के कर्मचारियों के बैंक खाते के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग भी करता था.

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अयन के विधाननगर कार्यालय में तलाशी के दौरान बरामद दस्तावेजों से करीब 60 नगरपालिकाओं में हुईं नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है. इसमें उत्तर 24 परगना की दमदम और बैरकपुर की लगभग सभी नगरपालिकायें शामिल हैं. इडी ने कहा कि यह भ्रष्टाचार बेहद प्रभावशाली लोगों की मदद से किया गया. इडी का दावा है कि अयन शील ने नौकरी के नाम पर बाजार से करीब 200 करोड़ रुपये वसूले हैं. ये रुपये कहां गये, किन प्रभावशाली लोगों के पास भेजे गये, इस बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है.

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