तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ सांसद अभिषेक बनर्जी ने पिछले साल दिसंबर में पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की कार्रवाई में हुई एक स्थानीय व्यक्ति की मौत को लेकर केंद्र और बीएसएफ की आलोचना की है. उल्लेखनीय है कि 24 वर्षीय प्रेम कुमार बर्मन को दिसंबर 2022 में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास दिनहाटा प्रखंड में बीएसएफ के एक कांस्टेबल ने गोली मार दी थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी.
उसके परिवार के सदस्यों ने दावा किया था कि वह एक प्रवासी मजदूर था जो कुछ दिन पहले घर लौटा था, जबकि बीएसएफ ने कहा था कि वह मवेशी तस्कर था. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी ने यहां कूचबिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बीएसएफ कर्मियों ने प्रेम कुमार को गोली क्यों मारी? क्या इसलिए कि वह रजबंग्शी था? हम बीएसएफ, केंद्र सरकार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्थानीय सांसद निषित प्रमाणिक को अपना रुख स्पष्ट करने और वहां के लोगों से माफी मांगने के लिए 48 घंटे का समय दे रहे हैं
बनर्जी ने दावा किया कि प्रेम कुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया था कि उसे 180 छर्रे लगे थे. उन्होंने कहा कि वह “स्थानीय युवक पर किए गए अत्याचार” से हैरान हैं. उन्होंने कहा कि “अगर प्रेम कुमार एक मवेशी तस्कर था, जैसा कि बीएसएफ का दावा है, तो भी आपने उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया? क्या आपको उसके पास कोई पिस्तौल मिली? उस पर गोली चलाने की क्या जरूरत थी? सभी दोषी बीएसएफ अधिकारियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा, भले ही इसके लिए हमें उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय का दरवाजा क्यों न खटखटाना पड़े”
बनर्जी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक शंकर घोष ने टीएमसी पर “घुसपैठियों और पशु तस्करों के प्रति सहानुभूति रखने” का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि राजनीतिक हितों के लिए कोई पार्टी इस हद तक गिर सकती है कि वह बीएसएफ और हमारे सुरक्षा बलों पर सवाल उठाए। यह शर्मनाक है। टीएमसी की शुरुआत से ही अपने वोट बैंक को सुरक्षित करने के लिए पशु तस्करों, घुसपैठियों और देशद्रोहियों के प्रति सहानुभूति रखने की आदत रही है.”