कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मालदा में एक 12 साल के बच्चे मुरसलीन शेख की सूझबूझ से बड़ा रेल हादसा टल गया. इससे ट्रेन में बड़ी संख्या में सफर कर रहे सैकड़ों यात्रियों की जान बच गयी. चारों तरफ इस बच्चे की सराहना हो रही है. उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के अधिकारियों ने इस बच्चे को उसकी बहादुरी के लिए प्रमाण पत्र और नकद देकर पुरस्कृत किया. आपको बता दें कि इसने लाल टी-शर्ट लहराकर खतरे का संकेत दिया और ड्राइवर ने ट्रेन रोक दी. इस तरह बड़ा ट्रेन हादसा टल गया. इस बच्चे की समझदारी और बहादुरी की हर तरफ चर्चा है. रेलवे ने भी इसका हौसला बढ़ाया और पुरस्कृत किया. बताया जा रहा है कि मालदा उत्तर के सांसद खगेन मुर्मू, कटिहार के मंडल रेल प्रबंधक सुरेंद्र कुमार के साथ बहादुर लड़के के घर पहुंचे और उसका मनोबल ऊंचा किया. इसके साथ ही उसे पुरस्कृत किया. सभी ने उसकी बहादुरी के लिए सराहना की. मुरसलीन शेख प्रवासी श्रमिक का पुत्र है. रेलवे कर्मचारियों के साथ वह यार्ड में मौजूद था. बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त पटरी के हिस्से को देखकर उसने समझदारी दिखायी और ड्राइवर को अलर्ट कर दिया.
रेलवे ने बहादुरी के लिए किया पुरस्कृत
मुरसलीन शेख को रेलवे ने उसकी बहादुरी के लिए पुरस्कृत किया है. इस 12 साल के बच्चे ने अपनी सूझबूझ से सैकड़ों यात्रियों की जान बचायी है. दरअसल पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में रेलवे के पटरी में दरार आ गयी थी. इसे देखने के बाद उसने अपनी सूझबूझ का परिचय दिया और अपनी लाल टी-शर्ट लहराकर तेज रफ्तार से आ रही ट्रेन को रुकने का इशारा किया, ताकि क्षतिग्रस्त पटरी को पार करने से पहले ट्रेन रुक जाए. ट्रेन ड्राइवर ने भी बच्चे के संकेत को गंभीरता से लिया और ट्रेन रोक दी. इस तरह इस बहादुर बच्चे ने बड़ा हादसा टाल दिया. हर तरफ इस बच्चे की तारीफ हो रही है.
बारिश से रेल की पटरी हो गयी थी क्षतिग्रस्त
रेलवे के अधिकारियों की मानें, बारिश के कारण रेल की पटरी क्षतिग्रस्त हो गयी थी. मिट्टी और पत्थर बह गए थे. इस कारण रेल की पटरी क्षतिग्रस्त हो गयी थी. इसे उस बहादुर बच्चे ने देख लिया था. जैसे ही बच्चे ने रेल की पटरी में दरार देखने के बाद लाल टी-शर्ट लहरायी तो ट्रेन के ड्राइवर ने उसका संकेत समझ लिया और इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया. इस तरह बड़ा रेल हादसा टल गया.
बच्चे ने लाल टी-शर्ट लहराकर ड्राइवर को किया अलर्ट
बताया जा रहा है कि मुरसलीन शेख प्रवासी श्रमिक का पुत्र है. रेलवे कर्मचारियों के साथ वह यार्ड में मौजूद था. बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त पटरी के हिस्से को देखकर उसने समझदारी दिखायी और ड्राइवर को अलर्ट कर दिया. इसके बाद इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी गयी. क्षतिग्रस्त पटरी की मरम्मत की गई और फिर रेल का परिचालन शुरू किया गया.
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घर पहुंचकर बच्चे को किया पुरस्कृत
12 साल के बच्चे का रेलवे ने हौसला बढ़ाया. उसे उसकी बहादुरी के लिए पुरस्कृत किया. उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के अधिकारियों ने बच्चे को उसकी बहादुरी के लिए प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया. जानकारी के अनुसार मालदा उत्तर के सांसद खगेन मुर्मू, कटिहार के मंडल रेल प्रबंधक सुरेंद्र कुमार के साथ बहादुर लड़के के घर पहुंचे और उसका मनोबल ऊंचा किया. इसके साथ ही उसे पुरस्कृत किया. सभी ने उसकी बहादुरी के लिए सराहना की.