भारत में गंगा नदी को मां का दर्जा हासिल है. हमारे धर्मग्रंथों में लिखा है- मां गंगा पाप का नाश करती हैं, सारे पाप को अपने निर्मल जल से धोकर हमें पवित्र करती हैं. इसी गंगा नदी में आज कोरोना से मरने वालों के शव बहाने की बातें सामने आ रही हैं. उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार और पश्चिम बंगाल से गुजरने वाली पतित पावनी गंगा मैया की गोद में शवों के बहने की घटनाएं सामने आ रही हैं. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, बनारस और बिहार के बक्सर समेत कई इलाकों से शवों के बहने की पुष्टि होती रही है. गंगा नदी को भारत की एक बड़ी जनसंख्या का लाइफ लाइन भी माना जाता है. इस लिहाज से देखें तो ऐसी घटनाएं लाखों लोगों की जिंदगी पर सवाल उठा रहे हैं.
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पश्चिम बंगाल के मालदा में गंगा नदी के घाट पर दो शवों के मिलने से सनसनी फैल गई है. यह घटना शनिवार की है. खबर मिलने के बाद जांच शुरू की गई है. जिला प्रशासन का दावा है कि दूसरे राज्यों से शव बहकर मालदा पहुंचे हैं. यह भी आशंका जताई जा रही है कि शव कोरोना संक्रमण से मरने वालों के हो सकते हैं. इसके पहले उत्तर प्रदेश और बिहार से गंगा नदी में शवों के बहने की खबरें आने के बाद खूब हंगामा मच रहा है. कुछ दिनों पहले ही बंगाल सरकार ने राज्य से गुजरने वाली गंगा नदी में कोरोना संक्रमण से मरने वालों के शवों पर नजर रखने को कहा था.
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मानिकचक ब्लॉक के हीरानंदनपुर पंचायत के केशरपुर गंगा घाट पर शनिवार को दो शव तैरते मिले. शनिवार की सुबह स्थानीय मछुआरों ने सबसे पहले नदी में शव तैरते देखा. इसकी खबर भुटनी थाने को दी गई. इस मामले की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने गंगा घाट से शव बरामद करने की पहल शुरू की. पुलिस के मुताबिक दोनों शव अधेड़ उम्र के व्यक्ति के हैं. जिला पुलिस और प्रशासन के अनुसार दोनों शव दूसरे राज्य से नदी में बहकर यहां पहुंचे हैं. ऐसा भी हो सकता है शव कोरोना संक्रमितों के हों.
हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और बनारस में कोरोना वायरस से संक्रमण के बाद मरने वालों के बाद शवों को गंगा नदी में फेकने की खबरें सामने आई थी. शवों के तैरने की तसवीरें और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल भी हुई थी. आज भी नदी में शवों के तैरने की खबरें आ रही हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने भी शवों के गंगा नदी में बहकर मालदा के मानिकचक के गंगा घाट पर आने की संभावना जताई थी. पुलिस का अनुमान है कि दोनों शव दूसरे राज्य से नदी में तैरते हुए मालदा गंगा घाट पर आये हैं. इसके बावजूद मामले की गहनता से जांच की जा रही है.
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इन सबके बीच गंगा नदी में कोरोना संक्रमितों के शव को बहाने की खबरें सामने आने के बाद जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. लोगों से शवों को गंगा नदी में नहीं बहाने की अपील की जा रही है. सारी कोशिश गंगा नदी के जल को निर्मल और शुद्ध बनाए रखने की है. भारतीय वन्यजीव संस्थान और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के जरिए हरिद्वार से लेकर गंगा सागर तक रिसर्च और जागरूकता अभियान शुरू किया गया है, ताकि गंगा की धारा निर्मल और अविरल बनी रहे.