West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा पर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. इस हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि ‘न सिर्फ बीजेपी नेताओं पर हमले हो रहे हैं, बल्कि पश्चिम बंगाल की जनता की आवाज भी नहीं सुनी जा रही है. वहां कोर्ट के आदेश का सम्मान नहीं किया जा रहा है. पश्चिम बंगाल में अराजक स्थिति पैदा की जा रही है और वे देश और दुनिया को अपने तरीके से चलाना चाहते हैं.’
सुकांत मजूमदार ने भी राज्य सरकार पर बोला हमला
पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी राज्य सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ‘सीएम कुछ कह रही हैं और सांसद सौगत राय कुछ और कह रहे हैं. राज्य चुनाव आयोग सरकारी रिपोर्ट के आधार पर कह रहा है कि किसी की मौत नहीं हुई और कोई राजनीतिक झड़प नहीं हुई. राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग दोनों चुप बैठे हैं और हिंसा को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. हम राज्यपाल को धन्यवाद देते हैं जो बंगाल के लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.’
राज्यपाल के एक्शन पर सौगत रॉय हुए नाराज
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं. लगातार हो रही हिंसा को रोकने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं, इस पर चर्चा के लिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने एक्शन लिया है. इधर टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने राज्यपाल के एक्शन का विरोध किया. उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य सरकार के अधीन हैं, यह राज्यपाल का काम नहीं है. चुनावी हिंसा को देखना राज्य चुनाव आयुक्त का काम है. चुनावों की घोषणा के बाद राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं होती है.
ममता बनर्जी ने कहा नहीं हुई कोई मौत
वहीं टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने यह भी कहा कि इन घटनाओं में टीएमसी के 3 लोग मारे गए हैं. सौगत रॉय का दावा है कि इस हिंसा में टीएमसी के लोग ही मारे गए हैं. जबकि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई है. इसी को लेकर बीजेपी ने बंगाल सरकार पर निशाना साधा है.